Meaning of अलग करनेवाला in English
- Tending or leading to dissociation.
Meaning of अलग करनेवाला in English
English usage of अलग करनेवाला
Synonyms of ‘अलग करनेवाला’
Antonyms of ‘अलग करनेवाला’
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- कृष्ण छवि
- बोगेनविलिया
- '"' सुझाव किचन से 🫕
- समय बहोत कीमती है, समझो :-
आज मैं आपसे एक ऐसी बात करूंगा जो शायद आपको चुभेगी, पर सच है। समय की कीमत न समझने से जिंदगी बर्बाद हो जाती है। आपके पास समय नही है यह पढ़ने के लिए मै जानता हूँ । नृत्य कलाओ (अर्धनग्न) को देख कर आँखे तृप्त होती हैं न आपकी, यही जीवन है और शायद आप यही तक सीमित रह जायेंगे । क्या आवश्यकता है कुछ करने की, कुछ सोचने की, जीवन तो कट ही रहा है और कट भी जायेगा ।
(१) कल्पना करो एक ऐसे शख्स की, जो हर रोज सोचता है - कल से सुबह जल्दी उठूंगा, एक्सरसाइज करूंगा। पर वो कल कभी नहीं आता। धीरे-धीरे वो मोटा होता जाता है, बीमार पड़ता है। और एक दिन डॉक्टर कहता है - अब बहुत देर हो गई।
(२) फिर सोचो उस लड़की/ लड़का के बारे में, जो हर दिन अपने पिता से कहती / कहता है - पापा, कल आपके साथ पार्क चलूंगी/ चलूँगा। पर वो कल कभी नहीं आता। एक दिन पिता चल बसते हैं, और वो लड़की पछताती रह जाती है।
(३) सोचो उस पति के बारे में, जो हर रोज अपनी पत्नी से कहता है - बस कुछ दिन और, फिर तुम्हारे साथ वक्त बिताऊंगा। पर वो दिन कभी नहीं आते। और एक दिन पत्नी किसी और के साथ चली जाती है, और वो अकेला रह जाता है।
ये सब कहानियां अलग-अलग लग सकती हैं, पर इनमें एक बात कॉमन है - समय की कीमत न समझना। समय हम सबके लिए कीमती है, अलग-अलग है परंतु है ।
हम क्या करते हैं ? हर पल को अगले पल के लिए जीते हैं। स्कूल में सोचते हैं कॉलेज के बारे में। कॉलेज में जॉब के बारे में। जॉब में रिटायरमेंट के बारे में। और फिर ? फिर वक्त खत्म हो जाता है।
समय किसी का इंतजार नहीं करता। वो बस बीतता जाता है, चुपचाप, लगातार। और एक दिन हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो पाते हैं कि जिंदगी कब बीत गई, पता ही नहीं चला। वक़्त गुजर जाने के बाद पछतावा होता है कि काश मै वो कर लिया होता!
याद रखो, जिंदगी सिर्फ सांसों की गिनती नहीं है। ये उन पलों की गिनती है जो तुम्हारी सांस रोक दें। जो तुम्हें जीवंत महसूस कराएं।
तो क्या करें ???? 🤔
अभी जियो। हां, भविष्य के लिए प्लान करो, पर वर्तमान को मत भूलो। रोज कुछ ऐसा करो जो तुम्हें खुशी दे। खुशी मे सिर्फ खुद की खुशी नही होती कुछ अपनों की भी खुशी शामिल होती है । चाहे वो 5 मिनट ही क्यों न हो।
अपनों के साथ वक्त बिताओ। फोन रखो और उनसे बात करो। याद रखो, रिश्ते वक्त मांगते हैं, पैसे नहीं। और कोई रिश्ते ऐसे हैं भी जो सिर्फ पैसे मांगते है तो उन्हे वह भी देकर खुश रखो, उसमे क्या जाता है! परंतु एक सीमा मे ।
और सबसे जरूरी, खुद के लिए वक्त निकालो। वो किताब पढ़ो जो तुम पढ़ना चाहते थे। वो जगह घूमो जहां तुम जाना चाहते थे। हर व्यक्ति की खुशी किसी ना किसी एक चीज की जरूर होती है । शौक होती है कुछ खुद के लिए, अपने मन की खुशी के लिए करने की, वो जीवन जो तुम स्वतंत्रता से जीना चाहते हो । जियो, इन सबके लिए कुछ पल निकालो और जियो ।
क्योंकि अंत में, जब तुम पीछे मुड़कर देखोगे, तो तुम उन पलों को याद करोगे जो तुमने जिए, न कि उन पलों को जो तुमने टाले।
बहोत कीमती है इस जीवन का हर एक पल, कभी कोई एक पल भी बेवजह मत गुजरने दो । संभालो , संभलो और चलते रहो । कभी थकना नही, जो एक पल के लिए रुके, तुम मिलों दूर हो जाओगे । खयाल रहे ।
तो आज से, अभी से, इसी पल से जीना शुरू करो। क्योंकि कल किसने देखा है !
✍️ Author Munna Prajapati
- जातिगत जनगणना भारत में जातिगत जनगणना (Caste Census) की मांग हमेशा से रही है. जनगणना से अलग-अलग जातियों की संख्या के आधार पर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने की कोशिश रहती है. लोगों के बीच असमानताओं को दूर करने के लिए जातिगत जनगणना की जरूरत होती
- गलत लोगों का साथ रहना, बहोत हानिकारक है, ख्याल करें :-
मैं आपसे दिल की बात करूंगा। वो बात जो शायद आप सुनना नहीं चाहते, पर जो सच है।
जानते हो, जिंदगी एक सफर है। और इस सफर में हमारे साथी कौन हैं, ये बहुत मायने रखता है।
मुझे याद है, मेरा एक दोस्त था - अमन ( कल्पनिक नाम)। कितना होशियार था वो। लेकिन फिर क्या हुआ? गलत दोस्तों के चक्कर में फंस गया। धीरे-धीरे नशे की गिरफ्त में आ गया। आज जब उसे देखता हूं तो दिल दुखता है। वो चमकती आंखें अब खाली सी हो गई हैं।
फिर सोनू की कहानी है ( मैने कहीं पढ़ा है )। प्यार में अंधा होकर एक ऐसी लड़की से शादी कर ली जो उसे समझती ही नहीं थी। आज वो घर में रहता है, पर अकेला महसूस करता है। उसकी मुस्कुराहट कहीं खो गई है।
और रीना (यह उदाहरण ली गई है )? उसने अपने माता-पिता की बात मानकर एक ऐसे शख्स से शादी कर ली जो उसे पसंद ही नहीं था। आज वो जिंदा है, पर जी नहीं रही।
मैं ये सब देखकर सोचता हूं - क्यों हम अपनी जिंदगी को इतना कम आंकते हैं? क्यों हम गलत लोगों को इतनी अहमियत देते हैं?
दोस्तो, समझो। गलत लोग सिर्फ हमारा वक्त ही नहीं बर्बाद करते, वे हमारी रूह को भी तोड़ देते हैं। वे हमारे सपनों को कुचल देते हैं। हमारी हंसी छीन लेते हैं।
लेकिन याद रखो, अभी भी देर नहीं हुई है। अगर आप गलत लोगों से घिरे हुए हैं, तो बाहर निकलने की हिम्मत जुटाओ। हां, मुश्किल होगा। दर्द होगा। लेकिन ये दर्द उस दर्द से कम होगा जो आप अपनी पूरी जिंदगी गलत लोगों के साथ रहकर झेलोगे।
अपने आप से प्यार करो। अपने सपनों को अहमियत दो। सही लोगों को अपनी जिंदगी में जगह दो। वो लोग जो आपको ऊपर उठाएं, आपको प्रेरित करें, आपकी खुशियों में खुश हों।
क्योंकि अंत में, जिंदगी बहुत छोटी है। इसे उन लोगों के साथ जियो जो इसे खूबसूरत बनाते हैं, न कि बर्बाद करते हैं।
माँ बाप को भी अपने बच्चों के प्रति विचार करने का आग्रह करता हूँ । जो अपने बच्चों को पुराने उसूलों पर चलाते हैं और अपने अनुसार उनके भविष्य को निश्चित करना चाहते हैं ।
नही ऐसा क्यूँ होगा कोई, हर एक इंसान अलग अलग खूबियों से सुसज्जित है उसे अपने खूबियों पर काम करने दीजिये, वो एक दिन सर्वश्रेष्ठ साबित होगा ।
अगर आप मे काबिलियत है और आप उस जगह पर नहीं हैं तो क्यूँ नही हो! सोचो तुम्हे वही पर होना है, अगर तुम कहीं और हो तो क्यूँ!
तुम कभी सफल नही होंगे । जीवन भर संघर्ष ही संघर्ष रहेगा । कभी दिल को खुशी नही मिल सकती ।
ख्याल करो, सोचो और जो हुनर तुम मे है उसके साथ आगे बढ़ो । जो लगे की तुम्हारे लिए सही नही है, उससे खुद को किनारा कर लो । दूर हो जाओ । संगत का प्रभाव इंसान को ले डूबता है कहीं का नही छोड़ता । ये मेरी बातें कहीं लिख लेना और जीवन भर याद रखना ।
मै उतना बड़ा ज्ञानी तो नही परंतु जो मन में आया मैने समझाने की कोशिश की है अब आगे आपकी इच्छा । धन्यवाद🙏
✍️ Author Munna Prajapati
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