Meaning of बड़े in English
- A form of the pat tense of Bid.
- of Bid
- Having largeness of size; of much bulk or magnitude; of great size; large.
- Great with young; pregnant; swelling; ready to give birth or produce; -- often figuratively.
- Having greatness, fullness, importance, inflation, distention, etc., whether in a good or a bad sense; as, a big heart; a big voice; big looks; to look big. As applied to looks, it indicates haughtiness or pride.
- Alt. of Bigg
Meaning of बड़े in English
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एक फिल्म है " #robot " रजनीकांत और ऐश्वर्या राय का, जिसमे उनका नाम डॉ वशिकरण और सना है ।
डॉ वशिकरण एक रोबोट वैज्ञानिक रहते हैं । उन्होंने उस फिल्म मे एक रोबोट बनाया था जिसका नाम चिट्टी था । उन्होंने बहोत ही शानदार तरीके से उसे बनाया था जो की बिना थके, बिना रुके, एक शक्तिशाली मनुष्य के अपेक्षा कहीं अत्यधिक गति से काम करता था । वह बहोत ही सहायक था हमारे जीवन में परंतु मशीन तो मशीन ही होता है ।
एक बार शहर के एक बड़े इमारत में आग लग गयी । बहोत ऊचा इमारत था । आबको उस अग्नि से बचाना संभव ही नही था । रेस्क्यू टीम लगी हुयी थी । मीडिया लगातार खबरें टीवी पर दिखा रही थी । और यह खबर डॉ वशिकरण ने देखा और उन्होंने रोबोट चिट्टी को कहा - जाओ इमारत में फसे सभी व्यक्ति को बचाओ, बाहर लेकर आओ । चिट्टी अपने प्रोग्रामिंग के दम पर सभी बड़े, बूढ़े, बच्चे.. सबको बचाया क्योंकि वो आग से नही जल सकता और ना ही उसे दर्द होगा ।
ऐसे ही लोगो को बचाने के दौरान एक जवान लड़की नहा रही थी और आग मे फस गयी । चिट्टी उसके पास पहुंचा, लड़की चिल्लाती रही - मेरे पास मत आओ, मेरे कपड़े नही हैं, मैंने कपड़े नही पहने हैं । मै नहा रही थी और आग लग गयी । सब कुछ जल चुका है परंतु चिट्टी तो एक मशीन था । उसे क्या मालूम के एक लड़की बिना कपड़े, किसी के निगाहों के सामने नही रखी जाती । उसे वैसे ही उठा कर लोगों के बीच लाकर रख दिया । वहाँ मौजूद तमाम मीडिया, न्यूज़, टीवी, सब कुछ कैमरे में कैद । सब कुछ प्रसारित होने लगा । हजारों लोगो के बीच वह लड़की वस्त्र बिहिन अपने आप को पाकर, मानो उसकी जान ही निकल गयी । लड़की ने शर्म के मारे एका एक दौड़ा और जाकर चलती वाहन से टकरा गयी और अपनी जान दे दी । यह देखकर वशिकरण को बहोत दुख हुआ । उनकी आँखें भर गयी । लोग उनकी योग्यता की तारीफ करते- करते शर्मिंदा हो गए ।
इतना सब होने के बाद वशिकरण कई दिनों तक सोचते रहे । निष्कर्ष निकला यह की - यदि हम इसमे मनुष्य की तरह सोचने और समझने की शक्ति दे दी जाय तथा प्रत्येक चीज को एहसास करने की सेंस मिल जाय तो इस तरह की कोई घटना नही होगी ।
इन्होंने इस पर भी कार्य करना शुरू किया और कुछ ही दिनों बाद रोबोट चिट्टी को पूरी तरह से सेंसिटिव बना डाला । बिल्कुल मनुष्य की तरह । सब कुछ सही से चलता रहा.. ऐसे ही मे एक दिन ऐसा हुआ की रोबोट......
वशिकरण की प्रेमिका शना ने खुशी- खुशी में चिट्टी को चूम लिया और उसके बाद, उसके वजह से चिट्टी का एहसास जागृत हो उठा । चिट्टी को शना से प्यार हो गया । अब वो उसे किसी भी हद तक हाशिल करना चाहा । चिट्टी ने कहा शना मेरी है, इसकी शादी वशिकरण से नही मुझसे होगी । . मै शना से प्यार करता हूँ । जरा सोचिये एक मशीन की शादी शना से कैसे हो सकती है! जो की वशिकरण की प्रेमिका है । शना और वशिकरण ने चिट्टी बहोत समझाने की कोशिश की परंतु, प्रेम का एहसास चिट्टी के मेमोरी में एक्टिव हो चुका था, वो कैसे मानता । ऐसे ही बातों बातों में मामला गंभीर हो गया । बात मिटने मिटाने पर आ गयी । अन्त में डॉ वशिकरण ने देखा की इसका अंजाम सही नही होगा । यह हमारे लिए घातक साबित हो सकता है ।
वशिकरण ने चिट्टी को मिटाकर, सारे प्रोग्राम मिटाकर नष्ट कर दिया । लेकिन प्रत्येक कहानी में एक विलन जरूर होता है । इस कहानी में भी एक विलन था जो हमेशा से वशिकरण के विपक्ष मे कार्य करता था । उसने उस रोबोट के पार्ट को लाकर फिर से उसका निर्माण कर दिया । वह भी वशिकरण के जैसा ही एक रोबोट वैज्ञानिक था ।
कुछ दिनों बाद वह रोबोट चिट्टी ही अपने जैसे रोबोट तैयार करने लगा क्युकी उसके अंदर उसके मेमोरी में डॉ वशिकरण था । कुछ दिनों बाद उस विलन को मारकर उसने खुद का एक समूह तैयार कर लिया । जिसमे सब के सब रोबोट ही थे । सब उसके इशारों पर चलते थे । चिट्टी के मन में यह विचार उत्पन्न हुआ की हमे अपनी खुद की दुनिया बनानी है , जिसमे मनुष्य ना हो और यदि हो तो वो हमारा गुलाम हो । और इसी मुकाम की तरफ निकल पड़ा । 24/7 रोबोट बनाता रहा । एक एक करके मनुष्यों का विनाश करता रहा । उसकी चाहत बन गयी थी, शना...
अपने बल पूर्वक शना को भी छीन लिया था वशिकरण से । यह सब देखकर वशिकरण दंग रह गए । हमारी बनायी हुयी मशीन, हमारा ही विनाश करने पर तुल गयी ।
बहोत ही सघर्ष के बाद, तकनिकीओं के इस्तेमाल के बाद, बहोत कुछ खोने के बाद इस मशीन पर डॉ वशिकरण ने कामयाबी हाशिल की । चिट्टी का जीवन नष्ट कर पाए । नही तो हमारा विनाश निश्चित था ।
मैंने यह कहानी एक उदाहरण के तौर पर दिया है आपको । ठीक इसी प्रकार आप सोच सकतें हैं, समझ सकते हैं ।
यह तो फिल्म है, कल्पनिक बातें है परंतु अभी के समय में, हमारे जीवन मे, हमारे बीच जो AI tool (Artificial intelligence) आया है । या जिसने भी बनाया है इसको, व्यापार के तौर पर, आधुनिकता के नाम पर, यह सही साबित नही होगा हमारे लिए ।
विगत समय में आपने देखा ही होगा की साउथ की सुप्रसिद्ध नायिका ' #rashmikamandanna ' का एक वीडियो चलचित्रों मे आया था जो की AI का कमाल था । वह वीडियो वास्तवीक नही था । इसी प्रकार ना जाने किस किस रूप मे हमे इसके घातक प्रभाव देखने को मिलेगा ।
यदि आपने #movies #robot नही देखी तो देख लीजिये आपको सब समझ में आ जायेगा की किस तरह से हम अपने विनाश का बीज खुद ही बो रहें हैं । आधुनिकता के नाम पर । AI tools भी हमारे जीवन में ठीक उसी प्रकार कार्य करेगा जिस प्रकार रोबोट चिट्टी ने किया था ।
नोट :- आप सभी पाठक से अनुरोध है की आप चलचित्रों पर, मोबाइल फोन पर दिखायी जाने वाली तस्वीरों, वीडियो आदि पर यकीन कभी मत करना । आपके वास्तवीक जीवन में जो हो रहा है, जो आप प्रत्यक्ष रूप से देख रहे हैं , अपनी आखों से , और जो महसूस कर रहे है वही सत्य है । बाकी सब झूठ है, दिखावा है । अब आने वाले समय में यह कंप्यूटर कुछ भी कर सकता है ।
प्रार्थना :- मै न्यायाधीश को भी द
- वर्ष (2022)के समाप्ती मे; एक प्यार का पोस्ट अपने बड़े भईया के लिए.. 🙏हमें और कुछ नहीं चाहिए ;आपकी मोहब्बत के शिवाय..!!
🙏"मौत तक आपका साथ चाहिए "🙏
- #poetry "१५ अगस्त.... "
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया,
जिसने जाती और मजहब मे
लोगों को उलझा कर रखा है ।
उसने हमेशा बतलाया है के तुम बड़े हो,
तुम्हे बड़ा होना चाहिए और
सबसे आगे होना चाहिए,
तुम हिंदू हो तुम मुश्लिम हो
तुम सिख हो तुम ईसाई हो,
और आज मंच पर, कुछ लोगों के बीच
कह रहा था के हम भारत वासी एक हैं ।
जो अपने फायदे के लिए अपनी
शान के लिए, अपने पद के लिए
जाने कितनों को मौत के घाट उतार दिया होगा!
वह शख्श आज मंच पर, तिरंगे के सामने
इस देश को मजबूत बने रहने का
शिक्षा दे रहा था ।
जो हमेशा लोगों को कम शिक्षित
रखने का उपाय ढूंढता रहा, वह
आज मंच पर विद्यार्थियों के सामने
उच्च शिक्षा पाने की हौशला दे रहा था ।
कुछ शहीदों के बारें मे, उनका चरित्र
चित्रण कर रहा था, अल्पज्ञ लोगों को
समझा रहा था, आजादी कैसे हुयी
इसकी गाथा सबको सुना रहा था जिसने
अपने कर्मों का किताब कहीं
छुपा कर रखा है ।
बहोत बड़ी बड़ी बातें की उसने,
वह सब उसकी जुबानी थी, और
सच तो ये है की वह सब किसी की
लिखी हुयी कहानी थी ।
उसने ये नही कहा कि अस्पताल में,
मरीजों (गरीबों ) को क्यूँ रुलाते हो,
उचे पद पर बैठकर लूट पाट क्यूँ मचाते हो,
किसी मशले को हल करने मे
इतना वक़्त क्यूँ लगाते हो ।
वो लोग भी क्या अजीब थे
जो उसके चिकनी बातों के करीब थे,
तालियां बज रही थी, जय हिंद के
नारे भी लग रहे थे परंतु.....
हिंदुस्तान को जिताने का या फिर
जश्न ए जीत का भाव किसी के
दिल मे नहीं था ।
सब इसी मे डूब गए, के, कब, कैसे
और किसने आजादी दिलायी,
कितनी मुशक्कत् स्वतंत्रता सेनानियों ने
उठायी... बस इन्ही सब बातों पर
हम सबको फुसला कर रखा है ।
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया, जो
इस जमी का खाता है, इसी जमी पर
रहता है, हम लोगों के बीच जीता है मगर
भला सिर्फ अपना सोचता है,
मै भी चाहता हूँ,
आजादी की शुभकामनाएँ दूँ... पर
किसे दूँ.... किसे....... 😥
✍️ Author Munna Prajapati
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