shabd-logo

common.aboutWriter

लिखने का मजा ले रहा हूं। कले कर कर के पन्ने, चित्र मे रंग भर रहा हूं।।

Other Language Profiles

common.awards_and_certificates

prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-06-20
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-05-26

common.books_of

Sandeep Sharma's Diary

Sandeep Sharma's Diary

0 common.readCount
0 common.articles
Sandeep Sharma's Diary

Sandeep Sharma's Diary

0 common.readCount
0 common.articles
"श्रीमदभागवतगीता पर स्व के भाव।"

"श्रीमदभागवतगीता पर स्व के भाव।"

नमस्कार आदरणीय जन, जयश्रीकृष्ण।। आइए देखे व समझे श्रीमदभागवतगीता जो को मेरे भाव व समझ के आधार पर। जयश्रीकृष्ण,जयश्रीकृष्ण,जयश्रीकृष्ण। विवेचक, संदीप शर्मा।

0 common.readCount
5 common.articles
"श्रीमदभागवतगीता पर स्व के भाव।"

"श्रीमदभागवतगीता पर स्व के भाव।"

नमस्कार आदरणीय जन, जयश्रीकृष्ण।। आइए देखे व समझे श्रीमदभागवतगीता जो को मेरे भाव व समझ के आधार पर। जयश्रीकृष्ण,जयश्रीकृष्ण,जयश्रीकृष्ण। विवेचक, संदीप शर्मा।

0 common.readCount
5 common.articles
त्रिया चरित्र,प्रियां।

त्रिया चरित्र,प्रियां।

अब कोई नारी दब कर न.रहेगी।।

0 common.readCount
3 common.articles
त्रिया चरित्र,प्रियां।

त्रिया चरित्र,प्रियां।

अब कोई नारी दब कर न.रहेगी।।

0 common.readCount
3 common.articles

common.kelekh

साजिश ए इश्क।

12 August 2024
1
0

साजिश ए इश्क का दौर है संभल कर चल,मिले न जिस्म तो कट जाते है टुकड़े कई ।।मोहब्बत आज भी कोडी है सिर्फ भूख की,मिटे न तो उड़ जाती है रूह तक खुद ही गोई।।यह दौर बस इश्क के तो मुगालते का है,असल है वासना जो

आजाद या महज ख्वाब।

23 February 2024
0
0

उसने उसको बंद पिंजरे से निकाल, ऐसा खुला समंदर दिखाया, जिसका कोई आसमां तक न था,था तो खुलापन काफी ,बेहद काफी, पर टुकड़ा जमीं का जरा पास तक न था।।वो खुश तो थी बहुत आकर पिंजरे से बाहर, पर

श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव। {4}

18 December 2022
0
0

जयश्रीकृष्ण ,जयश्रीकृष्ण, जयश्रीकृष्ण जी,, मित्रगण, सुधिजन, पाठकगण, व भक्तजन।। राधे,राधे के मधुर बोल के साथ, प्यारी सी जयश्रीकृष्ण।।आदरणीय हम पूर्व मे "श्रीमदभागवत गीता जी "के प्

श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव।{3}

18 December 2022
0
0

आदरणीय मित्रगण, पाठकगण, सुधिजन व स्नेहीजन ,,जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण।।हम "श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव" मे आज इसके तीसरे श्लोक पर चर्चा करेगे।।आप कृष्णाय नमः का उच्चारण करे व

श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव। {2}

18 December 2022
1
0

।हरि ॐ तत्सत्।। ।जयश्रीकृष्ण आदरणीय गण,। । नमन ।आज की राधे राधे संग पुनः जयश्रीकृष्ण।।पिछले

त्रिया चरित्र की प्रिया।।

18 December 2022
1
1

आज उसने अभी तक रोटी नही बनाई, पांच ही तो बजे हैं अभी ज्यादा समय थोडा ही हुआ हैं भाई।। फिर मना करने पर जब पति ने खुद बना मां बेटे को दी खिलाई, तो अपनी नही बना सकता था, कहा थी कोई&nbsp

"श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव। "{1}

24 November 2022
1
0

¤卐 ॐ{ 2}ॐ卐¤ ।।जयश्रीकृष्ण सभी को।। । अध्याय एक प्रथम श

"श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव" {००}

24 November 2022
1
0

जयश्रीकृष्ण दोस्तो,राधे राधे की मधुर धवनि से आज से अब खत्म करते हैं इंतजार। लीजिए प्रस्तुत हैं मेरे मन के भाव व विचारो की हिलोरे लेती लहरो की विचार श्रृंखला :- "श्रीमदभागवत गीत

---