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Jiwan ki bagiya's Diary

Jiwan ki bagiya

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More Books by Jiwan ki bagiya

Parts

1

बड़प्पन

3 July 2024
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https://youtu.be/W_5FYty0Jcw?si=MPVZ1n2N-2zkWocsबड़ो को अपमानित महसूस कराने के लिए शब्दों से कहा जाए ये बिल्कुल जरूरी नहीं है,अवहेलना से, तिरस्कार से, चिल्ला कर या नजरअंदाज कर से भी अपमानित किया जा सक

2

रेत सी जिंदगी

3 July 2024
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https://youtu.be/JT_OMROUM3U?si=5-TxnUHcvgI6fd7L

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सावन

10 July 2024
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सुनो सावन आ गया बारिश लेकरइन बारिश की बूंदों में अपने इश्क़ की मिलावट कर दो ,आ जाओ मेरे पास और मोहब्बत की कुछ सजावट कर दो..!!कब्र से भी गहरा होता है सब्र स्त्री काकभी उसे मापने की कोशिश

4

सावन की प्यास

24 July 2024
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सावन की प्याससावन का सुहाना मौसम , मेघो की घनघोर गर्जना दरवाजे पर ठंडी बयार की दस्तक खिड़की से भीनी बायार की खुशबू पेड़ों का चंचलता से छटपटाना आत्मा का देह छोड़कर बाहर जाने को आतुर

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Ek bus tu

24 July 2024
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https://youtu.be/R8lvxgbRfuM?si=EJdZTk4qDz5gGWUm

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इंतजार

18 September 2024
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किसी को नफ़रत है उससेऔर कोई प्यार कर बैठाकिसी को यक़ीन नहीं उसपेऔर कोई एतबार कर बैठा हैकितनी अज़ीब है न ये दुनियाकोई मिलना भी नहीं चाहताऔर कोई इंतजार ही कर बैठा.......

7

वर्णमाला

18 September 2024
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अंग्रेजी के अल्फाबेट्स पर बहुत कुछ पढ़ा होगा...कभी हिन्दी वर्णमाला का क्रमबद्ध इतना सुन्दर अद्भुत अद्वितीय अविस्मरणीय प्रयोग पढ़ा है कभी।*अ*चानक*आ* कर मैया से*इ*ठलाते हुए बोले नंदलाल*ई*श्वर मिलता हर म

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कभी कभी

18 September 2024
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https://youtu.be/kvDfXlXQHc4?si=OhMATHVrCjoBJ0rd

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तेरी याद में

18 September 2024
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तेरी यादमें https://youtu.be/tkXYnuqwkyc?si=ZH-mKtiEdsndIXJX बैठे - बैठे अक्सर ना जाने किस दुनिया में खो जाती हूं, न जाने क्यूं है उसकी सोच में गुम हो जाती हूं। कहने को बहुत सी भीड़ है दायरे में मेरे

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मेरे छूट जाने का एहसास

18 September 2024
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मेरे छूट जाने का एहसासhttps://youtu.be/4ierUEOv6cA?si=mVwkyIYQ1nYnoZB5चलो आओ आज अपने कुछ एहसास बताती हूँ,तन्हा कैसे बीत रहे दिन रात बताती हूँ,कैसे टूट रहे कुछ ख्वाब बताती हूँ,कोई नहीं तुम्हारे ज

11

पितृत्व

8 October 2024
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पिता का पितृत्वपिता हूं, बाहर से भले ही कठोर नजर आता हूं,अंदर से मैं भी भावनाओं का दरिया रखता हूं!ग्रस्थी की नीव हूं इसलिए अपना अस्तित्व अक्सर छुपा लेता हूं,उसी नीव पर मजबूत इमारत खड़

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शरद पूर्णिमा

16 October 2024
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सुना था शरद पूर्णिमा की चांदनी में मिलते है दो प्रेमीमगर मेरा चाँद तो ख़ामोश है कहींसोचते है हम भी उस से कोई बात न करेंपूछेंगे मेरे चाँद का पता गर अकेले में रात मिल जाएआवाज़ तो दी थी मैने मेरे चा

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इश्क़ का सफर

16 November 2024
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इश्क का सफर पंथ निहारू सारी सारी रात उस का.. चांद है वो मेरी काली रात का. सोचूं लम्हा लम्हा बस उसे.. गवाह है वो मेरी हर बात का . चाहूं तिनका तिनका उसे

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