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रचनाकार -दोस्तो मैं ना कविता लिखती हूँ ना कोई छंद लिखती हूँ, अपने आसपास पड़े हुऎ टाट पै कुछ पैबंद लिखती हूँ। ना मै कोई कवित्री हूँ, ना ही कोई अखबार हूँ। बस जो दुनिया में घटता देखती हूं अपने आस पास हर समय उस खबर को अपने कागज पर लिखती हूं, मेरी लेखनी दिल के भाव और किसी खास की खुश के सिवा कुछ नहीं। मेरा ये शौक उपजा 58 वर्ष की उम्र में। मेरी लिखी पंक्तियां किसी ना किसी के जीवन से जुड़ी है, अगर आपको मेरी लेखनी पसंद आए तो bell बटन और subscribe बटन दबाइए, मेरे हौसला अफजाई के लिए और जुड़े रहिए आने वाले लेखों के लिए sangitaaguptaahr@gmail.com

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Jiwan ki bagiya's Diary

Jiwan ki bagiya's Diary

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Jiwan ki bagiya's Diary

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common.kelekh

इश्क़ का सफर

16 November 2024
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इश्क का सफर पंथ निहारू सारी सारी रात उस का.. चांद है वो मेरी काली रात का. सोचूं लम्हा लम्हा बस उसे.. गवाह है वो मेरी हर बात का . चाहूं तिनका तिनका उसे

शरद पूर्णिमा

16 October 2024
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सुना था शरद पूर्णिमा की चांदनी में मिलते है दो प्रेमीमगर मेरा चाँद तो ख़ामोश है कहींसोचते है हम भी उस से कोई बात न करेंपूछेंगे मेरे चाँद का पता गर अकेले में रात मिल जाएआवाज़ तो दी थी मैने मेरे चा

पितृत्व

8 October 2024
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पिता का पितृत्वपिता हूं, बाहर से भले ही कठोर नजर आता हूं,अंदर से मैं भी भावनाओं का दरिया रखता हूं!ग्रस्थी की नीव हूं इसलिए अपना अस्तित्व अक्सर छुपा लेता हूं,उसी नीव पर मजबूत इमारत खड़

मेरे छूट जाने का एहसास

18 September 2024
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मेरे छूट जाने का एहसासhttps://youtu.be/4ierUEOv6cA?si=mVwkyIYQ1nYnoZB5चलो आओ आज अपने कुछ एहसास बताती हूँ,तन्हा कैसे बीत रहे दिन रात बताती हूँ,कैसे टूट रहे कुछ ख्वाब बताती हूँ,कोई नहीं तुम्हारे ज

तेरी याद में

18 September 2024
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तेरी यादमें https://youtu.be/tkXYnuqwkyc?si=ZH-mKtiEdsndIXJX बैठे - बैठे अक्सर ना जाने किस दुनिया में खो जाती हूं, न जाने क्यूं है उसकी सोच में गुम हो जाती हूं। कहने को बहुत सी भीड़ है दायरे में मेरे

कभी कभी

18 September 2024
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https://youtu.be/kvDfXlXQHc4?si=OhMATHVrCjoBJ0rd

वर्णमाला

18 September 2024
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अंग्रेजी के अल्फाबेट्स पर बहुत कुछ पढ़ा होगा...कभी हिन्दी वर्णमाला का क्रमबद्ध इतना सुन्दर अद्भुत अद्वितीय अविस्मरणीय प्रयोग पढ़ा है कभी।*अ*चानक*आ* कर मैया से*इ*ठलाते हुए बोले नंदलाल*ई*श्वर मिलता हर म

इंतजार

18 September 2024
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किसी को नफ़रत है उससेऔर कोई प्यार कर बैठाकिसी को यक़ीन नहीं उसपेऔर कोई एतबार कर बैठा हैकितनी अज़ीब है न ये दुनियाकोई मिलना भी नहीं चाहताऔर कोई इंतजार ही कर बैठा.......

Ek bus tu

24 July 2024
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https://youtu.be/R8lvxgbRfuM?si=EJdZTk4qDz5gGWUm

सावन की प्यास

24 July 2024
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सावन की प्याससावन का सुहाना मौसम , मेघो की घनघोर गर्जना दरवाजे पर ठंडी बयार की दस्तक खिड़की से भीनी बायार की खुशबू पेड़ों का चंचलता से छटपटाना आत्मा का देह छोड़कर बाहर जाने को आतुर