Meaning of कलम बांधना in English
Meaning of कलम बांधना in English
English usage of कलम बांधना
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- ज़िक्र दिल - ए -हाल
- क्यों थमी कलम
- #bhojpuri #lyrics दे दिहि कवनो जखम...
M- जाहाँ ना ताहां लगालेलु दिल हो,
बढ़ जाई गोरी तोहार मुश्किल हो... २
बाटे ई दुनिया बड़ा बेरहम... रहम्sss
एतना सस्ता जनि बनावs हो
दे दिहि कवनो जखम...........
M- लs ना संभाल तनी चढली जवानी,
सोरहे बरस मे ना करs मनमानी....हाय २
F- चीज हs हमार तोहार फाटेला काहें छाती,
सुघर जवानी हमार छिपा के काहें राखी ।
M- बाडु नादान एतना शयान् जनि बनs,
आ जाए दुई तलवार अईसन मयान् जनि बनs
यूज करेलु रोजे नाया कलम.... कलम्sss
एतना सस्ता जनि बानावs हो
दे दिहि कवनों जखम.........
M- सउदा सजल देखs सोरहे बरस मे,
लोगवा के मन बोलs रही कईसे बस मे.... हाँ २
F- होखs ना बेकाबू ए बाबू, राखs तीर तरकश मे,
बनs ना शिकारी जोबन् ,बाटे हमारा बस मे... ।
M- देखी के तोहे दिल मे जागल अरमान हो,
बस गईलू अखियन मे होई गईलू मेहमान हो,
बानालs ना हमके बलम..... बलम्ss
एतना सस्ता जनि बानावs हो
दे दिहि कवनो जखम.....
हुश्न अईसे जनि लुटावs हो
रचित के हउवे ई धन..........
✍️ Author Munna Prajapati
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नोट:- यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏
- #poetry शिर्षक:" वो सबक थी मेरी जिंदगी का "
एक खूबसूरत, रंग बिरंगी तितली,
फूलों से उड़कर, मेरे जिशम् को
छुकर, उड़ गयी ।
जाने किस तरह, मेरी निगाहों से,
मेरे दिल में उतरकर, मुझसे,
मेरे सपनों से जुड़ गयी ।
खूब हसाती, बिलखाती, प्यार जताती,
हर पल, मेरे दिल के बाग़ीचे मे बिहार करती ।
मुझे लगा, फल है मेरी ,किसी बंदगी का,
मुझे लगा ये मेरी मोहब्बत है,
लेकिन वो सबक थी मेरी जिंदगी का... ।।
जाने क्या हुआ, जलता चराग़ धुआ हुआ,
जाने कैसी हवा लगी,
किस मौसम ने उसको छुआ ,
एक पल मे कोई अपना, सपना हुआ,
जाने कहाँ छिप गयी जाकर, एक उम्र तक
मेरी नजरों को तड़पना हुआ ।
कोई बहकाया या बहक गयी,
किसी और के बाग़ीचे मे जाकर, चेहेक गयी ।
रंग उतर गया मेरे चेहरे से, आशिकी का
मुझे लगा ये मेरी मोहब्बत है...
लेकिन वो सबक थी मेरी जिंदगी का ।।
मै अकेले अंधेरों मे, खामोश रहा,
उसकी वेदना मे मदहोश रहा ।
मैने सदिओं बाद, कलम कागज से साथ की,
दिल की हर बात लिखा, और फिर
खुद से बात की ।
अभी तक कोई इश्क़ का पैग़ाम नही आया,
वो मिटा ही नही, जो रंग दिल मे समाया,
दर्द, खामोशी, सबर, चिखना, सिसकना,
मैने बहोत कुछ सिखा...
जो कुछ भी मेरे हिस्से मे आया ।
मुझे लगा, वो मौजूदगी है मेरी, गैर मौजूदगी का
मुझे लगा, वो मेरी खुदा की इबादत है...
लेकिन नहीं.....
वो सबक थी मेरी जिंदगी का... ।।
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