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बेटियां

9 January 2023

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मेरी कलम से ✍️

"बेटियां "
…....................
शशि का है दुर्भाग्य बहुत रोता है
थोपित कलंक का बोझ व्यर्थ ढोता है
जब श्वेत धवल राकेश दोष से बच न पाया
आखिर ऐसा कौन? जिसपे मानव ने न तर्जनी उठाया

सीता थी अकलंक जानता जग है
दी अग्नि परीक्षा पतित पावनी मां ने सत है
त्रेता युग से चली आ रही कलुष कालिमा
वर्तमान के जन मानस ने मेटा कब है?

सीता ही देती अग्नि परीक्षा हर युग में
आज सैकड़ों सीता जलती कलियुग में
वैदेही तुमने हर युग में क्यों यों जलना स्वीकार किया
अग्नि परीक्षा के निर्णय का न क्यों तुमने प्रतिकार किया 

जनक सुता तुम बड़भागी थीं जो पावक से बच निकलीं
आज सैकड़ों जनक रो रहे जिनकी बेटी की चिता जली
खेत भवन गिरवी रखकर था बेटी को ब्याहा
हाय!अधजली बेटी का शव फिर से पुनः जलाया

नहीं कहानी बदली अब भी जनक और सीता की 
लालच के पावक में जलती सलमा और गीता भी
चुप हैं सारे धर्म और कानून हुआ है अंधा
जिंदा बेटी को आग लगाना श्वानों का है धंधा

बेटी तो वसुधा है,है वही सृष्टि की निर्माता
वेद,पुराण, उपनिषद सब गीत उसी के है गाता
बेटी उपवन की कली देखते हिय हर्षाता
आग लगाते बेटी को जो तनिक भी दया न आता 

जगदम्बा, काली,दुर्गा की करते पूजा सब हैं
बेटी भी तो रूप उन्हीं का माने कब हैं?
अब भी दहेज का दानव बन मुंह फाड़े सब हैं
होगा प्रलय अवश्य देखना कब ?है

🙏🙏 सतीश मोदनवाल🙏🙏
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फर्क पड़ता है

5 January 2023
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मेरी कलम से✍️फर्क पड़ता है.....**********************मुझे फर्क नहीं पड़ता.....अज़ानों और प्रार्थनाओ सेमंदिर ,मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारों सेअपने पापों के प्रायश्चित के लिएस्वयं से गढ़े गए अल्लाह और भगवान स

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क्षितिज के उस पार

7 January 2023
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मेरी कलम से ✍️"क्षितिज के उस पार".................................निर्निमेष तकता रहा क्षितिज के उस पारआशा के नव स्पंदन से झंकृत हुआविदीर्ण, निराश हृदय बार बारऊर्जा के अजस्र स्रोत फूटे लगातारतिमिरच्छाद

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बेटियां

9 January 2023
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मेरी कलम से ✍️"बेटियां "…....................शशि का है दुर्भाग्य बहुत रोता हैथोपित कलंक का बोझ व्यर्थ ढोता हैजब श्वेत धवल राकेश दोष से बच न पायाआखिर ऐसा कौन? जिसपे मानव ने न तर्जनी उठायासीता थी अकलंक

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