shabd-logo

रहस्य

9 May 2022

36 Viewed 36
मैंने चुना था उपयोग करना
उस भयावह अन्त का भी
मैंने कलम उठाई थी कि
वास्तविकतायें प्रदर्शित हो
प्रेम की
ईश्वर को नकारने की
डर से स्वीकारने की
सच को ढ़ोने की
झूठ को स्वीकारने की
बदलते चेहरों की
व्यक्त होती झूठी संवेदनायें
मैं कवि नहीं 
हाँ भाषा तो सीखी
जो माँ ने सिखायी
जो गुरु ने सिखायी
अब वो याद नहीं....


More Books by vivek singh