हम दुनिया में देखते हैं की जितने भी लोग हैं मनुष्य हैं वह अक्सर चिंता में ही डूबे रहत रहते हैं लेकिन चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि जिस प्रकार एक राजा अपनी प्रजा को अपने पास रखता है तो उसका सारा खर्चा या उसकी जिंदगी की आवश्यकताओं की सारी चीज राजा ही लाकर देता है इसलिए प्रजा चिंता नहीं करती हो सिर्फ अपना कर्म करती है वह जानती है की जो हमारी आवश्यकता है और राजा को सब पता है और वह उनकी पूर्ति भी करेगा फिर हम चिंता क्यों करें और वह मजे से वहां रहते हैं बिना चिंता करें उनको सब पता होता है कि उनका राजा उनकी देखभाल करेगा की राजा जानता है कि किसके लिए क्या अच्छी वस्तु है और वह वस्तु उनको देगा इसी प्रकार हमें भी हमारे परमात्मा रुपए राजा पर भरोसा रखना चाहिए और चिंता मुक्त होकर यह सोचना चाहिए कि हमारा राजा हमें देख रहा है और वह जानता है कि हमें किसी वक्त कौन सी चीज की जरूरत पड़ेगी और वह हमें देगा ऐसा दृढ़ निश्चय रखना चाहिए प्रेम भक्ति भी हो सकती है और हमारी चिंता भी नहीं रहेगी और हम परमात्मा से जुड़े रहेंगे