जीव का वास नेत्र कठं ओर हिरदे मे है जागृत अवस्थ मे नेत्र मे ध्यान मे कठं मे सोते वक़्त हिरदे मे होता है आत्मा को जान ने के लिए मन को वश करो सदा शरीर में होने वाली घटना को समझो ओर मेहसूस करो तो समज आ जाएगा की आत्म तत्व किया हे की जो मन को वश कर रहा हे वही तो आत्मा है जो उस मन से अलग होकर काम कर रहा हे