प्रेम रंग बरसाओ ना ,
प्रभु दिल में हमें बसाओ ना ,
हम अज्ञानी जन को -
भक्ति का पाठ पढ़ाओ ना।
नित तुम्हें ही गायें हम ,
मस्त - मलंग हो जायें हम ,
डूब जायें प्रभु तुझमें इतना ,
तुम ही , हो जायें हम।
द्वार हमारे आओ ना ,
प्रभु दरस हमें दिखाओ ना ,
मंझधार भटके राही को -
नैया पार कराओ ना।
©अलका बलूनी पंत