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प्रेम रंग बरसाओ ना , प्रभु दिल में हमें बसाओ ना , हम अज्ञानी जन को - भक्ति का पाठ पढ़ाओ ना। नित तुम्हें ही गायें हम , मस्त - मलंग हो जायें हम , डूब जायें प्रभु तुझमें इतना , तुम ही
तेरे भजन मैं गाऊँ राम , नयनों में तुम्हें बसाऊँ राम , द्रुत गति से भागे जीवन , पाषाण युग मैं चाहूँ राम। अपलक देखे जाऊँ राम, तुझमें ही खो जाऊँ राम, तेरी कृपा-दृष्टि जो मुझपे , दर्द
हर पल ये ज़िंदगी , रेत सी फिसल रही , कुछ ख़्वाब जो अधूरे हैं , जो हुए न अभी तक पूरे हैं , उन्हें भी तो पूरा करना है , मरने से पहले मुझको नहीं मरना है। माना इस समाज प्रति मेरी ज़िम्मेदारी है
इक बात जो मन में आई थी , लोगो ने सुन हंसी उड़ाई थी , दृढ़ निश्चय ये मन में था , पूरा करना वो सपना था। शुरूआत हो पहले ये मैंने मन में ठाना है, चाहे आए कठिनाई ,पहला कदम बढ़ाना है, धीमे-धीमे चलू