Meaning of भाव ठहरानेवाल in English
- One who estimates or sets the value of a thing; an appraiser.
- One who contends for a prize; a prize fighter; a challenger.
Meaning of भाव ठहरानेवाल in English
English usage of भाव ठहरानेवाल
Synonyms of ‘भाव ठहरानेवाल’
Antonyms of ‘भाव ठहरानेवाल’
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- #navratri #song मईया के महिमा अपरंपार...
M- एतना महंगी के भईल जमाना ए जाना,
रुपिया पईसा के बा अबही ताना...
नाया नौहर तु बाडु अभी कनिया ए धनिया,
एक ही बतिया कहs ना रोजाना...
F- बाटे मईया के महिमा अपरंपार राजा जी... 2
नईखे पईसा तs लिया दs ना उधार राजा जी..... ३
F- लाले चुनरी लिया दs, लाले बिंदिया लिया दs,
लाले अड़हुल के फुल, पूजा के थाली में सजा दs.... २
M- मोर धनिया हो, मईया अइहें आगे फेर,
देर रात हो गईल ,सूतs बात करिहs सबेर...
F- जे करेके बा अभिये कलिं ना विचार राजा जी.... २
नईखे पईसा तs लिया देहब उधार राजा जी....
बाटे मईया.......... नईखे पईसा......
F- भुखब नउ नवरातर, करब एकहु ना आतर,
बदली जिनगी के रंग रूप ,माई के नौ गो स्वरूप..... २
M- मोर रनिया हो हम तs बानी अनजान,
भक्ति भाव मे कबो ना लगवनी धेयान...
F- होई किरपा गुजि घर मे किलकार राजा जी... २
नईखे पईसा तs लिया देहब् उधार राजा जी...
M- एतना महंगी...... रुपिया....
F- बाटे मईया...... नईखे पईसा......
~ मुन्ना प्रजापति
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नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- आइए हम जीवन को आसान बनाएं,
कोई भी इस दुनिया से जिंदा नहीं निकलेगा। जिस जमीन के लिए आप लड़ रहे हैं और मारने को तैयार हैं, उस जमीन को कोई छोड़ गया है, वह मर चुका है, सड़ा हुआ है, और भुला दिया गया है। तुम्हारा भी यही हाल होगा। आने वाले 150 वर्षों में, आज हम जिन वाहनों या फोनों का इस्तेमाल अपनी शेखी बघारने के लिए कर रहे हैं, उनमें से कोई भी सदैव का साथी नहीं होगा। बीको, जीवन को आसान बनाओ । बहोत खुशी होती है मन को किसी को वास्तव में खुश करने मे, करके तो देखो ।
प्रेम को आगे बढ़ने दो। आइए एक दूसरे के लिए वास्तव में खुश रहें। कोई द्वेष नहीं, कोई चुगली नहीं। कोई ईर्ष्या नहीं। कोई तुलना नहीं। जीवन कोई प्रतियोगिता नहीं है। यह हमारा सौभाग्य है जो मनुष्य का तन मिला है । दिन के अंत में, हम सभी दूसरी तरफ पारगमन करेंगे। यह सिर्फ एक सवाल है कि वहां पहले कौन पहुंचता है, लेकिन निश्चित रूप से हम सभी किसी दिन वहां जाएंगे।
ये जीवन तो बिल्कुल सरल है, इसे दुखी और कठिन हम खुद ही बना देते हैं अन्य लोगों से तुलनात्मक भाव रखकर, इर्ष्या करके । हम क्यूँ दुखी होते हैं किसी की खुशी को लेकर , किसी को सफल देखकर! लेकिन नहीं...
जिस प्रेम से हमारा जन्म हुआ है हम उसी के दुश्मन हैं । बदलो खुद को दुनिया खुद ब खुद बदल जायेगी । ये संसार तो हम ही से है । जो रवैया अभी है यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन सर्वनाश निश्चित है । समझो ना,,तुम्हे तो उपर वाले ने सोचने समझने की शक्ति तो दी है । यहाँ अत्यधिक लोग अपनी ऊर्जा का उपयोग किसी दूसरे को मिटाने मे कर रहें हैं । ऊर्जा सही दिशा में लगाओ । जरा सोचो हमारे देश में 140 करोड़ लोग हैं, यदि सभी लोग एक दिशा में चलें तो हम कहा पहुँच सकतें हैं..... सोचो और चलो..... ।
~ Author Munna Prajapati
- #poetry "१५ अगस्त.... "
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया,
जिसने जाती और मजहब मे
लोगों को उलझा कर रखा है ।
उसने हमेशा बतलाया है के तुम बड़े हो,
तुम्हे बड़ा होना चाहिए और
सबसे आगे होना चाहिए,
तुम हिंदू हो तुम मुश्लिम हो
तुम सिख हो तुम ईसाई हो,
और आज मंच पर, कुछ लोगों के बीच
कह रहा था के हम भारत वासी एक हैं ।
जो अपने फायदे के लिए अपनी
शान के लिए, अपने पद के लिए
जाने कितनों को मौत के घाट उतार दिया होगा!
वह शख्श आज मंच पर, तिरंगे के सामने
इस देश को मजबूत बने रहने का
शिक्षा दे रहा था ।
जो हमेशा लोगों को कम शिक्षित
रखने का उपाय ढूंढता रहा, वह
आज मंच पर विद्यार्थियों के सामने
उच्च शिक्षा पाने की हौशला दे रहा था ।
कुछ शहीदों के बारें मे, उनका चरित्र
चित्रण कर रहा था, अल्पज्ञ लोगों को
समझा रहा था, आजादी कैसे हुयी
इसकी गाथा सबको सुना रहा था जिसने
अपने कर्मों का किताब कहीं
छुपा कर रखा है ।
बहोत बड़ी बड़ी बातें की उसने,
वह सब उसकी जुबानी थी, और
सच तो ये है की वह सब किसी की
लिखी हुयी कहानी थी ।
उसने ये नही कहा कि अस्पताल में,
मरीजों (गरीबों ) को क्यूँ रुलाते हो,
उचे पद पर बैठकर लूट पाट क्यूँ मचाते हो,
किसी मशले को हल करने मे
इतना वक़्त क्यूँ लगाते हो ।
वो लोग भी क्या अजीब थे
जो उसके चिकनी बातों के करीब थे,
तालियां बज रही थी, जय हिंद के
नारे भी लग रहे थे परंतु.....
हिंदुस्तान को जिताने का या फिर
जश्न ए जीत का भाव किसी के
दिल मे नहीं था ।
सब इसी मे डूब गए, के, कब, कैसे
और किसने आजादी दिलायी,
कितनी मुशक्कत् स्वतंत्रता सेनानियों ने
उठायी... बस इन्ही सब बातों पर
हम सबको फुसला कर रखा है ।
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया, जो
इस जमी का खाता है, इसी जमी पर
रहता है, हम लोगों के बीच जीता है मगर
भला सिर्फ अपना सोचता है,
मै भी चाहता हूँ,
आजादी की शुभकामनाएँ दूँ... पर
किसे दूँ.... किसे....... 😥
✍️ Author Munna Prajapati
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