प्रेम भाव से रहना ही शुद्ध विचार है आत्महत्या नही किसी भी चीज का उपचार है। आजकल जीवन में सब आत्महत्या को अपनाते है वजः जानना चाहे तो अपनी परेशानियां बताते है, ये दबाव नही नासमझता का प्रमाण
है, प्रेम भाव से रहना ही शुद्ध विचार है आत्महत्या नही किसी भी चीज का उपचार है। आत्महत्या से दबाव कम नही होती बल्कि बढ़ जाती हैं, ऐसी ऐसी खबरे देश और पड़ोसी के दिल को छू जाती है, लोगो के बहुत कारण होते है आत्महत्या करने के लेकिन हमे ये भी याद रखना चाहिए की जीवन की खुशहाली ही हमारा सबसे बड़ा श्रृंगार है।प्रेम भाव से रहना ही शुद्ध विचार है आत्महत्या ही किसी भी चीज का उपचार है।
आत्महत्या से केवल इंसान की ही नही बल्कि आशाओं
मौत होती है बाप का तो दिल टूटता ही है बल्कि मां की भी आत्मा रोती है, जो दिल को दिल से जोर दे वो ही तो प्यार है। प्रेम भाव से रहना ही शुद्ध विचार है आत्महत्या नही किसी भी चीज का उपचार है।