व्यक्ति का सुंदर दिखना, उसका व्यक्तित्व अच्छा दिखना अच्छे स्वास्थ्य की निशानी नही है।शारीरिक स्वस्थता एवं मानसिक स्वस्थता ही संपूर्ण स्वास्थ्य की निशानी है। हम अक्सर देखते है,आज की पीढ़ी कोई न कोई बीमारी से पीङित होते है,उसका मुल कारण है,मानसिक चिन्ता । जबतक आप मानसिक चिन्ता नही दुर करेंगे, स्वस्थ नही रहेंग ।
मानसिक स्वस्थता के लिए इन बातो का अनुसरण करना चाहिए-:
👉 भविष्य की चिंता न करके वर्तमान मे जीना सीखो।
👉 हर सिक्के के दो पहलू होते है। 1-सकारात्मक 2-
नकारात्मक। इसलिए चीजों को सकारात्मक द्रष्टि से
देखे।
👉 कोई भी कार्य शुरू करने से पहले उसकी चिन्ता न करके,
उसमे अपना 100% दे।
👉 चिन्ता चिता का कारण है, तो व्यर्थ चिन्ता करके मान-
सिक स्वस्थता न बिगाङे।
👉 नियमित योग- साधना करे।
👉 जो खो गया वो मिट्टी, जो मिल गया वो सोना।ऐसी
सोच रखके आगे बढ़ते रहो।
👉 हमेशा आनंद मे रहे।
मानवजीवन प्रकृति का एक उपहार है,व्यर्थ चिन्ता करके तन-मन को बिगाङना, कुदरत के दिए इस उपहार का अपमान करने जैसा है। याद रखे - "पहला सुख,निरोगी काया"।
जब आप स्वस्थ रहेंगे तब आपका परिवार स्वस्थ होगा।परिवार स्वस्थ तो समाज स्वस्थ होगा।समाज स्वस्थ तो देश स्वस्थ होगा।
जय हिन्द, जय भारत।