तन-मन अपना स्वस्थ रहे,
न आए कोई रोग।
उसके लिए दोस्तों ,
नियमित करो ध्यान-योग।
कुदरत की देन है तन मन ,
कीमती नही है इसके आगे धन।
दवाएं सिर्फ आराम दिलाए,
ध्यान -योग बीमारी जङ से मिटाए।
सुनलो बात को ध्यान लगाए,
न समझो तो फिर समझाए।
जो चाहते हो जीवन मे सुख,
बढानी पङेगी योग की भुख।
हनुमान चालीसा भुत भगावे,
ध्यान-योग बीमारी हटावे।
अगर चाहते अपना सम्मान,
ध्यान-योग हो रोज का काम।।