कड़कती धूप में छाँव की ठंडी नमीं हो तुम
मैं बंजर वीरान हूँ मगर मेरी सरज़मीं हो तुम
तुम्हारे बिना मेरा कोई वजूद ही नहीं
मेरी हर कमीं को लाज़मी हो तुम
30 July 2024
कड़कती धूप में छाँव की ठंडी नमीं हो तुम
मैं बंजर वीरान हूँ मगर मेरी सरज़मीं हो तुम
तुम्हारे बिना मेरा कोई वजूद ही नहीं
मेरी हर कमीं को लाज़मी हो तुम
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फणींद्र भारद्वाज, एक अयोध्या, भारत के मशहूर संगीतकार और लेखक हैं। उनका जन्म 20 अक्टूबर 2000 को हुआ। उनकी एक प्रमुख पुस्तक "अन्दाज़-ए-बयाँ" है, जो उनकी अद्वितीय कथा-रचना का प्रतिनिधित्व करती है। उनकी लेखनी और संगीती में उनकी अद्वितीय पहचान है, जिन्हें उनके दर्शकों ने उनकी भावनाओं की गहराई और आत्मीयता के लिए प्रशंसा की है। अपनी प्रतिभा और जुनून के साथ, भारद्वाज वैश्विक रूप से दर्शकों को प्रेरित और जुड़वा रहते हैं। मुझे बताएं यदि आपको और कुछD