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मै बहुत ही साधारण परिवार की साधाारण सी हूं। बचपन अभावों में बीता तो बहुत सारी इच्‍दाओं का गला घोटना। अ‍ब परिस्थितियां ठीक है तो मन में दबी हुयी बहुत इच्‍छाएं जो उस वक्‍त नही कर पायी अब कर रही हूं जैसे गाना गाने का शौक, कहानी, रचना और शेरोशाायरी करना। अब इस उम्र में न तो गायक बन सकती हूंं न ही ले‍खिका। वर्तमान में स्‍टारमेकर के एप के जरिये अपने गाने के शौक को पूरा कर रही हूं और शब्‍द इन के माध्यम से अपनेे लेखन को । अब मै कहानीकार तो हूं नही पर जो भी लिख रही कि पूर्णत: दिल से निकले भाव और आस-पास हो रही घटनाओ और कभी कभी मन में होने वाली हालचाल है। आपको पसंद आये तो दिल खोल कर कमेन्‍ट कीजिये और कमियां लगे और कुछ सुझाव हो तो निसंकोच जाहिर करे नही कहानी तो आपसी बातचीत ही बनी रहेगी। आपके सुझाव का दिल से इंतजार रहेगा आप मेरी पहली संक्षिप्‍त कहानी एक कप चाय पढे और दिल को छूए तो जरुर कमेन्‍ट करे कहते है कि शुरुआत अच्‍छी तो सब अच्‍छा। आपका एक विचार, सुझाव मुझे और खूबसूरत कहानी लिखने में मार्गदर्शन तो देगा ही और हम चाहते है कि आप अपनी भी कुछ कही और अनकही बाते और विचार शेेयर कर सकते है।

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Anjana Sharma's Diary

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6 common.readCount
4 common.articles
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“जानती थी वो”

12 April 2024
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8.  कुछ सोचते हुये मिस्‍टर गर्ग ने अपनी पत्‍नी से कहा देखो अजय की शादी के छह महीने होने को आये पर ऐसा लगता है जैसे अपनी बहू नम्रता को हम लोग बरसो से जानते है वो हम लोगों। महादेव की कृपा जो ठहरी जो इत

भाग-4 "जानती थी वो "

13 March 2024
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 7.  नम्रता भी सोच रही थी कि अम्‍मा ने कहां गलती कर दी थी अपनी बहू को समझने में पर चलो रवि तो उनका अपना बेटा था वह कैसे इतना बदल गया न तो वह तेहरवी में आया न और न ही तेहरवी बीत जाने के बाद। आखिर ऐस

भााग- 2 "जानती थी वो”

13 March 2024
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 2  कथा खत्‍म होते ही, नम्रता किचन की ओर अपनी ननद चांदनी के साथ चल दी।   बातो ही बातो में ननद चांदनी ने पूछा कि भाभीजी आपने कितने दिन की लीव ली है मैने तो एक माह की लीव ली थी आखिर मेरे इकलौते भाई क

एक कप चाय

21 February 2024
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 जिंदगी के 60 बसंत देख चुकी हूं और अब लगभग जिंदगी की सभी इच्‍छाएं भी पूर्ण हो चुकी है। बेटा-बहू मल्‍टीनेशनल कम्‍पनी में करोडों के पैकेज में और बेटी-दामाद अपना निजी नर्सिग होम चला रहे है। एक भरेपूरे पर

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