चल पड़ी , चिल-चिल करती
मधुर स्वर , गुनगान करती
मीठापन , कोयल बरसाए
अपना गीत , सुरीला गाए
आवाज़ सुहानी , रौनक फैलादे
वो सुरीला रस , चारौर बरसादे
सुनो-सुनो , कुछ कहना चाहती
मधुर वाणी , हमे सुनाना चाहती
आम मिठफल , देता मीठा रस
जैसे कोयल , देती सुरीला रस
उड़ान भरी , ऊंचे आकाश मे
ऊंचाई छुई , ऊंचे ऊंचवाश मे
पक्षियों बुलाने , एक सही जलिका
मधुर तरनो मे , एक गजब तरीका
सुनाती गायन , एक मधुरस्वर की रानी
ये सुरीली चिड़िया , कोयल रानी