कल्पतरु - ज्ञान की छाया स्तम्भ संग्रह परिचय दो बातें आपसे..... प्रिय प्रेरक पाठकों , आप सभी आदरणीय शब्द. इन परिजनों, को मेरा यानि संदीप सिंह (ईशू) का सादर प्रणाम। यह कोई रचना नहीं है, रचनाएं तो निरंतर नित नई आपके सामने लेकर उपस्थित रहूँगा, परंतु कई बार विभिन्न विषयों पर जैसे सामाजिक, समस्या,, व्यंग, हास्य व्यंग, या कई ऐसे विषय दिमाग मे घुमंतू की तरह आते जाते रहते है, उन्हीं पर लिखने के लिए इस "कल्पतरु- ज्ञान की छाया " (आज से पूर्व फालतू के ज्ञान) शीर्षक के साथ विभिन्न मुद्दों विषयों पर लिखूँगा, जो शिक्षाप्रद, मनोरंजन, हास्य, गंभीर, सामाजिक संस्कृतिक होगा। रोजमर्रा की जिंदगी मे कई लोगों, विचारों, घटनाओं से आमना सामना होना एक सहज प्रक्रिया है, एक लेखक होने के नाते कुछ अलग विचार आते है। कुछ लोग इसे दैनन्दिनी समझेंगे, तो क्षमा चाहूँगा यह बिल्कुल दैनन्दिनी नहीं है। यह बस सामाजिक विषयों पर अलग अलग विधाओं के माध्यम से विचार अभिव्यक्ति का संग्रह मात्र है। पढ़ने मे आप बिल्कुल बोझिल नहीं होंगे, बल्कि आप तनाव मुक्त और मुस्कराता महसूस करेंगे। प्रतिदिन का तो वादा नहीं होगा पर उपस्थिति बराबर मिलेगी, मनोरंजन की भरपूर खुराक के साथ। 🔸🔸🔸 ✍🏻संदीप सिंह (ईशू)