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जीवन मुश्किलों के बीच रास्ता निकालने की कला है।निरंतर चलना लक्ष को निर्धारित करके। हार नहीं मानना है।संघर्ष करते जाना है जबतक लक्ष न मिल जाए।ईश्वर पर आस्था रखते हुए ! निरंतर अग्रसर&n
हम जीवन जीते है अपना पर पता नहीं रहता है की उसकी दिशा किधर की ओर रखें।हम चलते जाते है पर उसकी सार्थकता का ठिकाना पता नही रहता।एक अंधी दौड़ मे हम भागते चले जाते है।भौतिक वैभव जुटाना है।कार खरीदना है,बंग
जीवन नदी की तरह बहता रहता है,कभी नहीं रुकता।निरंतर गति शीलता ही इसका स्वभाव है।हम सब इस बहते नदिया मे तिरते नाव के सवार् है।नाव को ठीक से खेना हमारी सबसे पहली जिम्मेदारी है।यह एक कला है और इसे ह