नमस्ते मैं राजकुमार मणि मेरे जीवन में एक अजीब सा हटना घटित हो रहा है मुझे समझ में नहीं आ रहा हैं! कि मैं क्या कर रहा हूं और क्या हो रहा है एक वो समय था कि अपने घर का प्रस्तिथि देख कर मैं १४ वर्ष का तभी से मेडिकल स्टोर पर काम करने लगा और जिमेदारी से रहता था और अच्छे से जीवन यापन हो रहा था और मैं मेडिकल पर पूरे १२ साल लगन और मेहनत काम करता था और १२ साल बाद मेरे मन में विचार आया कि मै अपना मेडिकल खोल लू और मैने अपना मेडिकल भी खोला लोक डाउन में लेकिन एक कहावत कही जाती हैं कि पत्थर का पीसा खाया जाता हैं लेकिन दात का पीसा नही खाया जा सकता सेम यही कहावत मेरे मेरे पर पड़ गई मैं अपने ही गांव से २ किलो मीटर पर अपना दूकान खोला और मेरे पीछे पूरे गांव के लोग पड गए परिवार के कुछ सदस्य भी पीछे पड़ गए थे ! और फिर धीरे धीरे मेरा जीवन नर्क बनता गया लोगों का जलना और मेरे दूकान पर एक भी ग्राहक नही आते थे आते भी थे तो दावा नोट करा कर एक एक बॉक्स दुबारा नहीं आते थे और १.५साल में मैं पूरी तरह बरबाद हो गया और तो और मेरे ऊपर ५लाख का उधारी भी चढ़ गया