🌷🌷🌷 जैविक खेती 🌷🌷🌷
लहलहाते खेत हमारे ,
मन को मोह लेते हैं ,
जीवन के प्रत्येक पन्नो में,
अपना नाम लिख देते हैं ।
तस्वीर उनकी रगो में बहती,
हम अनदेखा करते हैं ,
भूल जाते उपकार उनकी ,
इस लिए आज हम मरते हैं ।
उनके प्यार में जहर घोला ,
जहरों से हम सिचते है ,
रूप बदलने को खातिर ,
कारखानों में अन्न को भेजते हैं ।
परिमाण से अधिक उपज खातिर,
नये-नये जहर उपयोग करते हैं ।
किटनाशक भी जहर संयुक्त ,
उपयोग नेत्र बंद करते हैं ।
अल्प आयु कि ओर हम जाते ,
रोगो को आमंत्रण देते हैं ,
कृषि के नाम पे भड़कते हम ,
अन्नो को इच्छित रहते हैं ।
देशी नस्ल की गौवंश ,
है लुप्त के कगार पर ,
थी.. अहम भूमिका कृषि जगत में,
विसराना हुआ रफ्तार पर ।
रसायनों का दुष्प्रभाव ,
वर्षों से चलता रहा ,
हो रही बढ़ोतरी इनकी ,
जैविक उत्पाद खल्ता रहा ।
जैविक उत्पाद सर्वोत्तम ,
स्वस्थ जीवन कि कुंजी है ,
राष्ट्र का गौरव कृषि हमारी ,
यहीं हमारी पुंजी है ।
आर्य मनोज, २३.०९.२०२२