गांधी एक व्यक्ति का नाम न होकर एक विचारधारा का नाम है किन्तु उसे पहचान एक गांधी नाम के व्यक्ति ने दी अपने देश को गुलामी के चक्रव्यूह से मुक्त कराने के लिए एक अभिमन्युः की नहीं बल्कि भिन्न भिन्न मानसिकता वाले अनेक अभिमन्युः की आवश्यकता थी गांधी जी ने समाज के एक बड़े वर्ग की मानसिकता का अध्ययन कर और उसे देश की स्वतंत्रता के आन्दोलन का हिस्सा बनाने के लिए अपने दर्शन की नींव रखी गांधी जी ने देखा कि समाज का एक बड़ा वर्ग अपने ऊपर हो रहे अत्याचार पर पलटवार नहीं कर सकता वह अपने और अपने परिवार के सदस्यों से स्नेह के कारण हिंसक न होकर अपने को सुरझित रखने के लिए भीरू बन गया है पैसे का अभाव उसकी नैतिक जिम्मेदारियों का बोझ बढा रहा है ऐसे मे कोई भी लालच उसे अपने रास्ते से हटा कर भीरु बना सकता है आज भी गांधी की विचारधारा अहिंसक सोच बनकर समाज के बड़े वर्ग के मस्तिष्क में गहरी पैठ बना चुकी है अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले गांधी के भीतर भी एक उबाल था जिसने कभी कभी हिंसक बनने के लिए प्रेरित किया गीता दर्शन में अटूट श्रद्धा रखने वाले गांधी ने कहा अपराधी से बड़ा अपराधी अपराध को सहन करने वाला ही होता है पर इस सिद्धांत में हिंसा की झलक होते हुए भी गांधी ने अहिंसा का ही अनुसरण किया अहिंसा के मार्ग पर अपने एक समूह के साथ स्वतंत्रता आन्दोलन में अपना अमूल्य योगदान दिया गांधी के अहिंसक सिद्धात आज भी प्रासंगिक है अहिंसा के पुजारी को सादर नमन।
जया शर्मा