अजीब देखा दुनिया की निराली बात । छुपा रहता गुदड़ी में लाल।। जज्बात छुपाना अच्छी बात । लेखनी बद्ध उतरता कागज पर।। बयां करता बड़ी बड़ी कर्मात । डोल जाते दिग्गजों के सिंहासन।। पारखी अपने को नही देखता तोल। हीरा कब कहता लाख टक्का मोल।।