"अवनी तुम बस मेरी हो, तुम्हे मुझसे कोई नही छीन सकता, तुम पर सिर्फ मेरा हक है।आज से तुम सिर्फ मेरी दुनिया में मेरे ही साथ रहोगी"......आकाश अवनी को जबरदस्ती अपने साथ लेकर जा रहा था और ये बोले ही जा रहा था।तभी आकाश का रंग काला पड़ गया और आँखें चमकने लगी।जिसे देखकर अवनी चीखकर उठ गई और खुद से ही बोली .."आज मेरी राहुल से शादी है और मैं ये कैसे सपने देख रही हूं, आकाश तो ठीक होगा ना?"..
आज अवनी की शादी है और वो सजी-संवरी सी अपने कमरे में बैठी हुई थी।उसके पास ही बैठी हुई उसकी सबसे खास सहेली, सुहानी ने उसका हाथ, अपने हाथ मे लेते हुए कहा ..”अब, कब तक तुम उस बेवफा आकाश की याद में रोती रहोगी, चलो मूड़ अच्छा करो और आँसूं पोंछ लो अपने।"..
ये कहते हुए, सुहानी ने अवनी की तरफ रुमाल बढ़ाया और अवनी ने भी रुमाल लिया और अपने आँसूं पोंछने में लग गई।तभी, अचानक ही दो लड़कियां कमरे में आई और सुहानी से बोली ..”सुहानी चल बारात आ गई है, देख तो हमारे होने वाले जीजु कितने हैंडसम हैं।"..
सुहानी ने जैसे ही सुना कि बारात आ गई है तो उसने भी उत्साहित होते हुए कहा .."अवनी तुम थोड़ी देर क लिये अकेली बैठो, मैं जरा जीजू को देखकर आती हूँ ।"..
इससे पहले कि अवनी कुछ भी बोल पाती, सुहानी तेजी से वहां से चली गई।उसके जाने के बाद, अवनी अब और भी ज्यादा उदास हो गई और उसकी आँखों से आँसूं बहने लगे।
तभी अवनी ने रोते हुए, खुद से ही कहा .."आकाश , तुम नही जानते कि मैने तुमसे कितना प्यार किया था, काश कि तुम यहां आकर मुझे अपने साथ ले जा पाते।"..
अभी अवनी ये सोच ही रही थी कि तभी उसके सामने आकाश आकर खड़ा हो गया और बोला .."अवनी, तुम मुझे याद कर रही थी ना, लो मैं आ गया, अब हमें कोई भी जुदा नही कर सकता।"..
ये कहते हुए उसने अपनी बाहें फैला लीं और अवनी दौड़ कर आकर, आकाश की बाहों में सिमट गई।उसके ऐसा करते ही, अचानक मौसम बदल गया और बादल गरजने लगे।देखते ही देखते बारिश भी शुरू हो गई।
क्या अवनी आकाश के साथ हमेशा के लिए चली जाएगी, या करेगी मान बाप की इच्छा से शादी, इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए जुड़े रहिए इस कहानी से।
ॐ नमः शिवाय
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