अजय निदान (वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर )
नाम - अजय कन्नूरकर निकनेम - अजय निदान (वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर ) पिता का नाम- मधुकर राव कन्नूरकर माता का नाम - सुनंदा कन्नूरकर पत्नी का नाम- ऋतु कन्नूरकर जन्मदिन 30/10/1971 जन्मस्थान - महाराष्ट्र(वणी) शिक्षा - स्नातक बी काम। अंग्रेजी स्टनोग्राफ़ी, कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर। वर्तमान पता - सड़क नम्बर 8 के सामने,शांति नगर,सुपेला,भिलाई,छत्तीसगढ़ मोबाइल / व्हाट्सएप नम्बर - 9630819356 ईमेल - ajayndn003@gmail.com वेबसाइट नाम - www.naikalamse.com फेसबुक - रचनायें अपलोड हैं। शायरी साइट- नेट पर बहुत से शायरी साइट पर मेरी रचनायें अपलोड है। व्हाट्सएप- पर भी कई रचनाओं का प्रकाशन ग्रुप और साहित्यिक समूह में सक्रिय में हूँ। प्रतिलिपि - प्रतिलिपि ऐप पर नियमित रूप से जुड़ा हुआ हूं कई रचनाये,कहानी,ग़ज़ल, कविताये प्रकाशित है। विधा - गद्य और पद्य,कहानी, लघुकथा, धारावाहिक, thriller. उपलब्धियां - साहित्य के सफर में कई सालो से हूं लेखन कार्य करता हूं कविताएं गीत ग़ज़ल लघुकथा चित्र पर कविता आदि पर थोड़ा बहुत लिखने की कोशिश करता हूं अभी तक मेरी 17 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं ,कई पत्र पत्रिकाओं, अखबारो में रचनायें प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रथम जनवरी 2003 में गहरी उतरी काव्य संग्रह,द्वितीय 2011 सितंबर में दिशा काव्य संग्रह, तृतीय जनवरी 2016 में परवाज़ काव्य/कहानी संग्रह, और चतुर्थ नई क़लम से 2017 नवंबर को। सम्मान - 2 सितंबर 2012 क़लम कलाधर सम्मान (ग्वालियर साहित्य कला परिषद)2 सितंबर 2013 (ग्वालि.साहित्य कला परिषद) 30 सितंबर 2014 काव्य कुमुद सम्मान (ग्वालियर साहित्य कला परिषद) 2 सितंबर 2015 वीणा साहित्य द्वारा उत्त्कृष्ठ लेखन सम्मान भिलाई, ज्ञानोदय साहित्य सेवा सम्मान कर्नाटक 2016 में,दिव्यतुलिका साहित्यान सम्मान 10 सितंबर 2017,उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ से उत्त्कृष्ठ लेखन सम्मान नवंबर 2017 प्राप्त हुआ। और 2018
जिंदगी का चेहरा
ये मेरे निजी एहसास है जो ज़माने से मिले हैं कुछ अपनों से और कुछ ज़माने के उन लोगों से जिन्होने मुझे और मेरी शराफत का पूरा फ़ायदा ही उठाता रहा, लोग ईमानदार इंसान को ही ज़्यादा परेशान करते है आजकल के परिवेश में चलन है ये जिंदगी में कुछ लोगो का. यह बुक म
जिंदगी का चेहरा
ये मेरे निजी एहसास है जो ज़माने से मिले हैं कुछ अपनों से और कुछ ज़माने के उन लोगों से जिन्होने मुझे और मेरी शराफत का पूरा फ़ायदा ही उठाता रहा, लोग ईमानदार इंसान को ही ज़्यादा परेशान करते है आजकल के परिवेश में चलन है ये जिंदगी में कुछ लोगो का. यह बुक म