30 August 2024
मनमीत हो तुम मेरेआंखों में सजी कुछ इंतजार की घड़ियांइस तरह जैसे पत्तों पर टंगी ओस की बूंदे झिलमिलाते सितारों की तरह ।अचानक मनमीत की मीठी सी आवाज ने हौले से कान में गुनगुनाया ह