सुबह होते ही मैं उसको देखने के लिए अपने ऊंची दीवार पर चढ़ कर बैठ जाता। जब वह घर से निकलती मेरे दिल में अजीब सी हलचल होने लगती उसे देख सच्च में मुझे बहुत सुकून मिलती। रोज देखते थे मगर अपने प्यार का इजहार कैसे करे बहुत डर लगती थी। एक बार हिम्मत जुटा कर अपने प्यार का इजहार कर तो दिया लेकिन ओ मुझे कुछ जवाब नही दी हम उस दिन बहुत डर गए। रात भर मुझे नींद नहीं आई उसके जवाब का मुझे इंतजार था। सुबह आंख खुलते मेरे सामने मेरे पिता जी थे मेरा कालर पकड़ के घसीटते हुए उसके घर ले गए। मेरे सामने उस लड़की के पिता जी और भाई खड़े थे। मुझे सब लोगो ने घेर दिया और उस लड़की से माफी मांगने के लिए बोला गया हम मजबूर थे लड़की के पैर पकड़ हमने माफी मांग ली मगर मेरे दिल में जो उसके लिए प्यार था ओ आज भी है। मुझे घर से निकाल दिया गया।हम शहर में रहने लगे दिन रात मजदूरी करते। जब भी अकेला होता उसकी याद आ ही जाती। शहर मे हम तीन साल बीता दिए फिर भी उसकी याद मुझे हमेशा आती थीं। आखिर मुझे घर से बुलाने मेरे पिता जी आए और हमने घर पहुंच उस लड़की के बारे मे लोगो से पूछा। पता चला की ओ किसी लड़के से प्यार करती थी और उससे शादी भी करना चाहती थी घर पर अपने मां को बताई की हम एक लड़के से प्यार करते हैं। यह सुनकर उसकी मां उसे भला बुरा कह कर घर से बाहर जाना बंद कर दी। लेकिन उसके पिता जी उस लड़के से शादी करने के लिए राजी हो गए सब तैयारियां जोरों से की गई। दुलहन भी सजी बाराती भी आए और पुरी धूम धाम से बरात दरवाजे पर लगी। कुछ देर के बाद चीख पुकार सुन कर लोग दौड़ कर गए तो देखे की दोनो को फांसी लगा कर मार दिया गया है। इस प्यार का दर्दनाक अंत सबके दिलो दिमाग मे बैठ गया। इन सब बातो से मैं काफी टूट गया।