Meaning of माया in English
- The act of deluding; deception; a misleading of the mind.
- The state of being deluded or misled.
- That which is falsely or delusively believed or propagated; false belief; error in belief.
- The act of dissembling; a hiding under a false appearance; concealment by feigning; false pretension; hypocrisy.
- The act of hallucinating; a wandering of the mind; error; mistake; a blunder.
- The perception of objects which have no reality, or of sensations which have no corresponding external cause, arising from disorder or the nervous system, as in delirium tremens; delusion.
- The name for the doctrine of the unreality of matter, called, in English, idealism; hence, nothingness; vanity; illusion.
- An image formed by the mind, and supposed to be real or material; a shadowy or airy appearance; sometimes, an optical illusion; a phantom; a dream.
- A mental image or representation of a real object; a fancy; a notion.
Meaning of माया in English
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- #lyrics #bolbamsong भोले बाबा के अधीन रजउ...
रिम झिम बरसे देखs सावन ई सुहानी,
देवघर चलs किरपा, करिहे भोलेदानी,
देतs एगो गेरुआ साड़ी ..किन ए रजउ...
तs हमनी रहब असो बाबा..के अधीन ए रजउ...
उठाईब कावर असो जालवा चढ़ाईब्,
भांग बेल पतर से शिव के गोहराइब् ।
उहे दूर करिहें दुखवा के...दिन ए रजउ....
तs हमनी रहब असो बाबा..के अधीन ए रजउ... ।
बोल बम बोलत चलब रहिया डगरिया,
थाकी ना पईंया सईया बाबा के नगरिया ।
होई गईनी भगती मे....लीन ए रजउ.....
तs हमनी रहब असो बाबा.. के अधीन ए रजउ..... ।
बाड़s तु नादान पिया जनलs ना माया,
नीला कइसे होई गईले विषधर के काया ।
विष पियले घडा़ भरी... देव लोग से छीन ए रजउ...
तs हमनी रहब असो बाबा के.. अधीन ए रजउ... ..।
✍️Author Munna Prajapati
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- आज कल न इस जगत में सब कुछ उल्टा हो रहा है /-
कोई नीति जब बनती है तो लगता है की यह सही है, हितकर है परंतु कुछ समय बाद पता चलता है की उस पर लागू नहीं होती जिसने उसे बनाया है । तो फिर.... 🥺
नदियों को माता कहा जाता है और देखें तो औसत रूप से नदियों को गंदा और दूषित करने मे हमारा ही हाथ है । तो फिर... 🥺
ये धरती हमारी माँ है । हम इसकी पूजा भी करते हैं और इस धरती पर सबसे ज्यादा दुष्कर्म ,हम ही कर रहें हैं । तो फिर...... 🥺
हमेशा प्रकृति के प्रतिकूल काम कर रहें हैं । और फिर कह रहें हैं की प्रकृति बदल रही है । नहीं....
उसे बदलने पर हम मजबूर कर रहें हैं । तो फिर..... 🥺
कोई चोर यु ही नही बनता है खुद से, गुनहगार खुशी से कोई गुनाह नही करता । उसके सामने हम ऐसे हालात खड़ा कर देते हैं की वह चोरी करता है या कोई गुनाह कर बैठता है । तो फिर.... 🥺
सामने वाला हमे इज्जत, सम्मान, प्यार जरूर देता और मुख्य रूप से देता भी है परंतु हम ही उसे बेशर्म और क्रूर बनने पर मजबूर कर देते हैं, उसे प्रतिउत्तर मे अपमान परोशकर । हम सामने वाले को अपने धन का, पद, प्रतिष्ठा का ,शक्ति का प्रताडन देकर । तो फिर... 🥺
प्रेम प्राकृतिक है । यही सृष्टि का एक मात्र आधार है । यह समाप्त हो गया अगर तो हमारा अस्तित्व समाप्त हो जायेगा । मोहब्बत करो और करने दो एक दूसरे से , मगर ...
तुम तो नफ़रत दिलों में पाल रहे हो । तो फिर.... 🥺
संत ने कहा, यह दुनिया मोह माया से घिरी हुयी है । दूर निकलो इन भावनाओं से, और तुम निकल गए । क्यूँ नही सोचा उसके बारे में, जिसने तुम्हे जन्म दिया और इस सोच के काबिल बनाया । वह स्त्री जिसको तुमने व्याह कर लाया । वह शिशु जो तुम्हारे नाम से इस धरा पर आया । तो फिर..... 🥺
✍️ Author Munna Prajapati #PostViral #post #realtalk #reallife #thoughts #writer #india #culture
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