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तू आजा

20 September 2022

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रिश्तों की बुनाई में यूं उलझता गया हूं मैं,
तिनका तिनका बिखरता गया हूं मैं।
एक तेरा ही इंतज़ार है दिल  किसी कोने में ,
तू आजा के तसल्ली हो खुद के होने में ।।

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