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सुना है ये बरसातें हमें मरज़ बनाते हैं,पर मैंने तो उनमें, फूल खिलते भी देखा है।कहते हैं ये गुलाब हमें कायल बनाते हैं,पर मैंने तो उनके,कांटे भी चुभते देखा है।
Sometimes I sit,With my unfinished poem,Fumbling over every word,Stumbling over every sentence.I struggle,Finding phrases to narrate you,While my half written poem,Mocks at me,And I don't understand,E