#सफरनामा में आज
अपमान घूँट के पिए बहुत
अब ऐसा नहीं सहन होगा!
हे दुष्ट मनुज तु उठा शस्त्र
याचना नहीं अब रण होगा!!
जब नाश मनुज का आता है
प्रथम विवेक मर जाता है,
दे कुटुंब को दाह स्वयं वो
कर नाच नग्न इतराता है!!
सुलह सन्देश दिए बहुत अब
देख कलह कैसा होगा,
हे दुष्ट मनुज तु उठा शस्त्र
याचना नहीं अब रण होगा!!
ले नाम हरि का भक्ति कर
अपने उम्र का कुछ लिहाज कर
न्याय यहाँ नहीं तो वहां जरूर होगा,
हे दुष्ट मनुज तु उठा शस्त्र
याचना नहीं अब रण होगा!!
गर तू रह गया शेष अब
सौभाग्य मनुज के फूटेंगे,
देख मनुज की आभा को
लज्जा से दर्पण टूटेंगे !!
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