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Rajesh kumar's Diary

Rajesh kumar

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Parts

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शायरी

29 December 2023
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सूली पे चढ़ने की क्या जरूरत है मुझे कलाम छीन लो मेरे हाथों से मैं यूं ही मर जाऊंगा एशे ही मरते-मरते इस कलाम से तेरी तकदीर लिख जाऊंगा

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अध्याय 2 चंद तारे और हम कविता

29 December 2023
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टिम टिम करते तारे आसमान की शोभा बढ़ाते हैं पूरे जहां और नील गगन में दृश्य अपना दिखाते हैं &nbs

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नया साल

31 December 2023
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गिले सिकबे सब दूर कर के आज नये साल की नई उम्मीदों को जगाते हे चलो सब कुछ भूल के हम दोस्ती की और एक कदम बढ़ाते हे जिसने कभी पूछा नहीं केसे हो आप आज हम उन से दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं वह गिले सिक्बे दूर

4

हमारा दिल

10 January 2024
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हमारा दिल दुखाना अच्छा लगता है किसी को तो शोक से दुखाए पता नहीं कब ये दिल काम करना बंद कर दे फिर किस का दिल दुखाओगे

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