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रामायण की कहानी

3 December 2023

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राम का जन्म कैसे हुआ कहते हैं एक दिन राजा दशरथ शिकार करने के लिए जंगल में चले गए. संध्या होने को आयी लेकिन उसे कोई शिकार नहीं मिला वह निराश हो कर एक स्थान पर बैठ गए अचानक एक हिरण देखा वो  भाग

कर उस हिरण के पीछे चला गया लेकिन वो हिरण उनको नजरों से दूर हो गया कुछ समय बाद उसे एक आवाज़ आयी जैसी नदी   में पानी हो

उसको लगा के हिरन पानी पीने आया है और उसी आवाज़ पर निशाना सान्धकर उन्हों ने अपना तीर छोड़  दिया अचानक उसको एक चीक सुनाई दी राजा  भाग कर  उस जगह पहुँच गया वह हैरान हो गया  उस जगह एक लड़का तड़प रहा था राजा के दुःख के कोई सीमा नहीं थी वह उसके पास गया उस लड़के ने कहा के मेरे माँ बाप  अंधे हैं मैं उनके लिए पानी लेने आया था आप मेहरभानी कर के यह लोटा ले जाओ और उनको पानी पिला दो वह बहुत बहुत प्यासे हैं ऐसा कह कर लड़के ने वहीं पर अपना दम तोड़ दिया

वह लड़का और कोई नहीं  बल्कि श्रवण कुमार था . राजा दुखी हो कर उसके माँ बाप के पास  पहुंचा माँ बाप को लगा उनके बेटे के कदम है राजा कुछ कहे भी नहीं पा रहा था  श्रवण कुमार के माता पिता को जब पता चला के उनके बेटा नहीं रहा तोह उन्होंने उस ही समय अपना दम तोड़ दिया मरते समय उन्होंने राजा  को श्राप दिया के जिस तरह हम अपने बेटे के गम में अपना दम तोड़

रह रहे हैं ठीके उसी तरह तुम भी अपने बेटे के वियोग में अपना दम तोड़ डोगे . उस समय राजा दुखी था लेकिन उसके मन में उस समय ख़ुशी की एक किरण आयी   राजा ने सोचा के उनकी कोई संतान नहीं है और  उनके शाप से उनको संतान होगी . और बहुत यज्ञ करने के बाद राजा के वहां राम ने जन्म लिया और अपने बेटे के वियोग  में ही वह चल बसे