सभी चाहते हैं की उनका प्यार सफल हो और प्यार की सफलता तो शादी पर ही खत्म होती है, जब प्रेमी और प्रेमिका दोनों एक दूसरे के लिए आजीवन संबंध में बंध जाते हैं. फिर उन्हें जुदा होने की बात ही नहीं होती है. कुछ ऐसा ही सोच शाहिल का था. शाहिल शुरू से पढ़ने में बहुत तेज था. वह अपने माता पिता के साथ रांची में रहता था, जहाँ उसके पिता डीलर थे, और वो जिस मोहल्ले में रहते थे, वहां उनका नाम भी था, क्योँकि सभी को राशन कार्ड पर तेल वो ही देते थे, आस पास के लोग उन्हें डीलर साहेब ही बुलाते थे, उसी मोहल्ले में स्वाति भी अपने परिवार के साथ रहती थी. स्वाति बहुत सुन्दर थी, स्वाति ने जब बोर्ड का परीक्षा दिया तब तक उसकी सुंदरता चरम सीमा पर थी, मोहल्ले के सभी लड़के उसके चक्कर लगाते थे, लेकिन स्वाति को इन सभी से कोई फर्क नहीं पड़ता था, वह सिर्फ और सिर्फ अपने पढ़ाई पर ध्यान देती थी, यही बात शाहिल को बहुत पसंद आयी, इतनी सुन्दर होने के बाद भी कभी कोई मेक अप नहीं बहुत ही सीधी साधी दिखने वाली सुन्दर स्वाति कब शाहिल के मन में उसके लिए प्यार जगा गयी, शाहिल को खुद पता नहीं चला, स्वाति के पिता भी डीलर साहेब के यहाँ तेल लेने आते थे, जिससे शाहिल उनसे बात किया करता था, और उन्हें इम्प्रेस करने की कोशिश किया करता था, उस समय शाहिल ग्रेजुशन में पढ़ता था, हलाकि वह जानता था की स्वाति उससे बहुत छोटी है, लेकिन उसका दिल था की स्वाति के लिए ही धरकता था, शाहिल की चाहत थी की वह स्वाति से जल्द से जल्द शादी कर ले, उसे अपना बना ले,लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो पा रही थी की वह अपने प्यार का इजहार स्वाति से करे, एक तो स्वाति उससे उम्र में बहुत छोटी थी, दूसरी स्वाति का स्वभाव उसे पता था की उसे प्यार मोहोब्बत में कोई इंट्रेस्ट नहीं है, वह सिर्फ अपने पढ़ाई पर ध्यान देती है, इसलिए उसने स्वाति के पिता को इम्प्रेस करने में लग गया, हलाकि स्वाति के पिता भी जानते थे की शाहिल पढ़ने में बहुत तेज है, और वह कुछ जरूर करेगा, साथ ही साथ यह भी जानते थे की शाहिल के पिता रसूख वाले इंसान के साथ साथ बहुत ही अमीर भी हैं,
क्या ये प्यार है
एक सच्चे प्यार की कहानी
कुछ इस कदर दिल की कशिश
प्यार में सब कुछ जायज है.
इसलिए स्वाति के पिता उनसे सिर्फ काम की ही बातें किया करते थे.धीरे धीरे वक्त बीतता चला गया और शाहिल को अमेरिका में जॉब मिल गया,अब वह अमेरिका जाने से पहले स्वाति से शादी कर लेना चाहता था इसलिए उसने रिश्ते की बात स्वाति के घर पहुंचाई, स्वाति की माँ ने जब सुना की शाहिल अमेरिका जा रहा है, और उसका परिवार बहुत अमीर है तो उसने तुरंत हाँ कर दिया लेकिन स्वाति समझ नहीं पा रही थी की वह अपनी पढ़ाई छोड़ कर शादी कर ले उसे यह बात अच्छी नहीं लग रही थी, उसे शाहिल पर गुस्सा आ रहा था, उसने अपने पिता को सफर साफ़ मना कर दिया की वह अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती है इसलिए वह इस रिश्ते को मना कर दे , जबकि शाहिल ने बोलै की वह शादी कर ले और शादी के अपनी पढ़ाई पूरी कर ले, आगे की पढ़ाई वह अमेरिका में भी कर सकती है, लेकिन स्वाति नहीं मानी और शाहिल को अमेरिका जाना पड़ा, जब स्वाति ने सुना की एक साल के बाद शाहिल फिर वापस आएगा तो स्वाति ने अपने पिता को यह जगह छोड़ने के लिया मना लिया और स्वाति और उसका परिवार बिना किसी को बताये कहाँ चले गए यह किसी को पता नहीं चला हलाकि जब शाहिल वापस आया तो उसने बहुत कोशिश की उसे स्वाति का पता चले लेकिन उसे कुछ पता नहीं चल पाया इस तरह उसका प्यार अधूरा ही रह गया…………
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