Prem Sagar
समाज से अलग मेरे अंदर की दुनिया
सुख अनामिता का है बड़ा लुभावना पर बढ़ ने पर वह पैदा करता है अकेलापन उस चिड़िया को ही लो देख जो अभी अभी परिचित हुई है इस सौंदर्य से भरी प्रकृति
समाज से अलग मेरे अंदर की दुनिया
सुख अनामिता का है बड़ा लुभावना पर बढ़ ने पर वह पैदा करता है अकेलापन उस चिड़िया को ही लो देख जो अभी अभी परिचित हुई है इस सौंदर्य से भरी प्रकृति
संगम : एक षडयंत्र
बूढ़े कुटिल नीतिग्यों की चाल जिसको समझने का है प्रयास खुद का न समझना अपमान दलित निर्धनों की है बात मार्क्सवाद के अनुसार दिया गया है यह सार
संगम : एक षडयंत्र
बूढ़े कुटिल नीतिग्यों की चाल जिसको समझने का है प्रयास खुद का न समझना अपमान दलित निर्धनों की है बात मार्क्सवाद के अनुसार दिया गया है यह सार