मीठा खाय जग मुआ, तीखे मरे ना कोय, लेकिन तीखे बोल ते, मरे संखिया सोय ॥ @नील पदम्
जात-पात और धर्म लिखो करवाते रहो बवाल, आने वाली पीढ़ियां पूछेंगी कई सवाल॥ (c) @ दीपक कुमार श्रीवास्तव " नील पदम् "
अपनी आँखों की चमक से डरा दीजिये उसे, हँस के हर एक बात पर हरा दीजिये उसे, पत्थर नहीं अगर तो मोम भी नहीं, एक बार कसके घूरिये, जता दीजिये उसे । (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"