कुलदीप त्रिपाठी
यह बच्चो के लिए बुक हैदेवियाँ देश की जाग जाएँ अगर देवियाँ देश की जाग जाएँ अगर युग स्वयं ही बदलता जायेगा शक्तियां जागरण गीत गाये अगर हर हृदय मचलता ही चला जायेगा वीर संतान से कोख ख़ाली नहीं गोद में कौन सी शक्ति पाली नहीं जनानियाँ शक्ति को साध पाए अगर शौर्य शिशुओ में बढ़ता चला जायेगा मूर्ती पुरुषार्थ में है सदाचार की पूर्ती श्रम से सहज साध्य अधिकार की पत्नियाँ सादगी साध पायें अगर पति स्वयं ही बदलता जायेगा छोड़ दें नारियां यह गलत रूढ़ियाँ तोड़ दें अंध विश्वास की बेड़ियाँ नारियां दुष्प्रथाये मिटाए अगर दंभ का दम निकालता चला जायेगा धर्म का वास्तविक रूप हो सामने धर्म गिरते हुओं को लगे थामने भक्तियाँ भावना को सजा लें अगर ज्ञान का दीप जलाता चला जायेगा यह धरा स्वर्ग सी फिर संवरने लगे स्वर्ग की रूप सज्जा उभरने लगे देवियाँ दिव्य चिंतन जगाएं अगर हर मनुज देव बनता चला जायेगा.