(1) एक दिन अचानक लाश की गड्डी से उछलकर निहालचंद पर जा बैठा जोकर देखते रह दया बादशाह बेगम गुलाम तोहर गुलाम थे पहले पहले भी आवक छक्कों पंजों का कुछ नहीं चल रहा था तो दोगुनी 3 गुण कौन पूछे
हालांकि लाल पान की बेगम जोर से चीखी और एक के बाद साहनी ऐसे दांत पीछे की पूरी बस्ती की चूर हो गई गिरी चीङी का गुलाम आज मदर्स में देर तक सिर भटकता रहा तीनों इसके गोलबंद हुए लेकिन अब क्या हो सकता था जब तक तो खत्म पर जम चुका था जो कर
(2) चेहरे के नाम पर कुछ रंगीन धब्बे और काली रेखा खुश हुई कुछ धूर्त गुटका लोग कि वे तेज उसे अपने अनुरूप आकृतिक उसके नशा पर छोड़ेंगे अपनी छाप तुरंत हुआ उल्टा वह सब के सब जो उसके पास गया दब्बू और रेखाओं में बदल गया जोकर जब केवल सिंहासन पर ही नहीं था दरबार में सत्ता के हर गलियारे में जोकर ही जोकर थे एक वैसी नाक नक्सहीन आकृतियां
(3) अब जाकर लगा कि ताश का यह तीन पनवा पत्ता तो सबसे शक्तिशाली है इसके तो हजार हजार चेहरे हैं यह बेगम है गुलाम के बीच बादशाह हो सकता है और दो
इकको के दरम्यान तीसरा एक्का
हर अवसर के अनुरूप एक चेहरा है इसके पास और हर चेहरे को वोट कर धब्बों में बदल देने की अद्भुत कल आप भी
या हर अनुष्ठा को स्वर्ग में बदल देता है हर मसले को अपनी उपस्थिति मात्र से प्राकृत बना देता है
अपने बेहुदे उच्चारण से हर वाक्य का सत्व नीच और लेता है सब इसके लिए जोशी हुई गुठली की तरह है जिसे यह अपनी कुलप्पुली हरकतों के साथ झूं झूं आता रहता है देश के विदेश तक
(4) इसे हत्या की खबरें सुनाओ यह पलकें झपकाए इसे भूल और गरीब की बातें बताओ यह पलकें झपकाए गा
इसे विकास की योजनाएं समझाओ यह पलकें झपकाए गा
इसे का पाठ पूजा चेहरे और भाव सुननी आंखें में भी तब तक कुछ नहीं है
5 मिनट इसके लिए बहुत कठिन है या 5 मिनट तक किसी की बात नहीं सुन सकता 5 मिनट तक किसी विषय पर नहीं बोल सकता 5 मिनट तक किसी मुद्दे पर नहीं सोच सकता हर दूसरे मिनट एक मजाक जरूरी है
इसकी सेहत के लिए
यह केवल अपने मस्त वेपन की महत्ता मोर दाताओं भोले भाले लोगों को चलाना जानता है जो काफी है कुर्सी पर काबिज रहने के लिए
(5) अरे यह क्या हुआ सहसा या जोकर के प्रति गंभीरता है
या गंभीरता की जोक लड़ाई बेहद संजीदा हो चला है जोकर सिंहासन शहीद पुर जाना चाहता है यह ऊंचे आसमान में हवाई जहाज पर चढ़कर हवाई जहाज से भी तेज भागना चाहता है जाने कहां पहुंचना है इसे
या जल्दी-जल्दी पूरा करना चाहता है अपना सब काम का आज का बाजार बंद होने से पहले पूरा बाजार खरीद लेना चाहता है अपने घर में लगाना चाहता है दुनिया का सबसे मजबूत ताला दुनिया के सबसे ताकतवर आदमियों को बनाना चाहता है अपना आरक्षण
कहीं बहुत दूर पीछे छूट गया है अब 53 पन्ना पत्ते का सुकून