Free
कविता
भूतकाल के चम्मच में ,नींबू लेकर भविष्य का,वर्तमान में है दौड़ना ,ये है फलसफा इस लाइफ का ,।कर्ज मांग कर घर है चलता,शान बान में कमी ना करता ,जिंदगी भर लोन है भरता ,फिर भी ऐश में कमी ना करता,।मध्यम वर्गी