हमारे गांव में थोडी दूर पर एक बड़ी हवेली है। या फिर कहे भूतिया हवेली। कई साल पहले वहां कोई जमीदार रहता था। गांव के बुजुर्गों के अनुसार काफी साल पहले अचानक एक रात उस हवेली के सभी लोग गायब हो गए। रातोरात वो सब कहां गायब हो गए। आज तक किसी को पता नहीं चला। कहानियां तो बहुत सारी है। पर सच क्या है। किसी भी को नही पता। अब तो मैं थोडा बड़ा हो गया हुं। जब छोटा था तो उस ओर दादी मुझे बिलकुल भी नहीं जाने देती थीं। कहती थी उस हवेली में भूत प्रेत का साया है। उस हवेली में कोई रहता तो नही। पर आधी रात के समय अकसर उस हवेली से भजन की आवाज़ आती है। हवेली के आंगन में ही देवी मां की प्रतिमा स्थापित है। लोगों के अनुसार ये जमींदार की कुलदेवी है। जहां पर जम्मीदार की पत्नी भजन गाया करती थी। दिन में एक बार लोग जा भी सकते हैं। पर रात को जाने का साहस अच्छे से अच्छा व्यक्ति भी नहीं करता है। कुछ लोगों ने खजाने के लालच में रात को जाने का साहस किया। पर हवेली के अंदर लाल रंग के जोड़े में सजी एक महिला को देखा। और फ़िर वह अचानक गायब हो गई। सभी लोग अपनी जान बचाकर वहां से भागे। फिर कभी किसी ने वहां जाने की कोशिश नही की। इस हवेली के अंदर पसरा सन्नाटा और डर न जाने अपने अंदर कितनी कहानियां समेटे हुए है।