बापू बहुत याद आते हो
अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश आजाद कराया ।
सत्य और मेरे प्रयोग से राष्ट्रपिता कहलाए ।।
आज के माहौल में बापू बहुत याद आए ।
स्वछता का नारा देकर पूरे देश को स्वछता पाठ पढ़ाया
क्या करे , बापू बहुत याद आते हो,
कहीं पर फसाद है तो दंगा,
कहीं अबला की आबरू जाती है,
कहीं धर्म के नाम पर झगड़े ,
जातियों के नाम पर लड़ते लोग,
कहीं भ्रष्टाचार ,कहीं बलात्कार ,
कहीं रिश्वत खोरी कहीं बेरोजगारी ,
कहीं सीमा विवाद , तो कहीं युद्ध के आसार,
कहीं हत्या तो कहीं नशे का व्यापार,
कहीं किसानों बिल का विरोध ।
पर बापू आपके सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलकर
सारी मुसीबतें टल जाएगी ,
होगी जीत सत्य की कुछ देश वापस देश मुस्कुराएगा।
बापू बहुत याद आते हो ,बापू बहुत आते हो ।।
जय हिन्द , जय भारत
पवन कुमार शर्मा "कौटिल्य"