yah kahani hai parampara Naam ki ek bahut hi sadharan si naksh wali लड़की की कहानी है परंपरा के उम्र के बढ़ते उसकी मां को चिंता होने लगी उसकी शादी की परंपरा की मां चाहती थी कि परंपरा की शादी उसकी सहेली वंदना के बेटे अनुज से हो जाए अनुज की मां और परंपरा की मां दोनों बहुत ही घनिष्ट dost thi तो दोनों चाहती थी कि उनकी दोस्ती रिश्तेदारी में बदल जाए अनुज की मां वंदना ने अनुज को बताया कि वह उसकी और परंपरा की शादी करना चाहती हैं अनुज ne अपनी मां से कहा परंपरा बहुत ही सिंपल साधारण सी लड़की है मैं कैसे उसके साथ शादी keseकर सकता हूं और वह थोड़ी मोटी भी है मैं slim-fit लड़का हूं to मुझे अपनी जैसे ही सुंदर स्लिम लड़की चाहिए उसकी मां ने थोड़ी जिद्द बहस करके उसे समझा liya और परंपरा से शादी करने के लिए राजी कर लिया कुछ वक्त के बाद दोनों की शादी बड़े धूमधाम के साथ हो गई परंपरा का उसके ससुराल में बहुत ही अच्छे तरीके से स्वागत किया गया यह सब देख कर परंपरा अपने आप को दुनिया की सबसे खुशनसीब लड़की मान रही थी लेकिन बेचारी परंपरा को नहीं पता था कुछ पल की खुशियां उसके पूरे जीवन भर का दुख बन जाएगी. आप लोगों को अगर मेरी यह कहानी का आधा भाग पसंद आया हो तो प्लीज मुझे बताइए मैं इस कहानी को दूसरा भाग आप लोगों के सामने जल्दी लेकर आऊंगी