एक चिड़िया थी बहुत सयानी रोज नये ख्वाब वो बुनती थी उस चिड़िया ने आसियाना ढूंढा उस आसियाने को तिनका तिनका जोड़कर सजाया आँधी आयी वो आशियाना टूट गया जिसका उसे अंदेशा था टूटना नियति थी शायद पर तिनका तिनका जोड़ना चिड़िया का संघर्ष था पर नियति क्रूर थी पर चिड़िया को भरोसा था अपने पंखों पर वो नियति से कहाँ डरने वाली थी To Be Continue.....