Meaning of मोटा in English
- Becoming fatty.
- Large in bulk, or composed of large parts or particles; of inferior quality or appearance; not fine in material or close in texture; gross; thick; rough; -- opposed to fine; as, coarse sand; coarse thread; coarse cloth; coarse bread.
- Not refined; rough; rude; unpolished; gross; indelicate; as, coarse manners; coarse language.
- Alt. of Fubsy
- Plump; chubby; short and stuffy; as a fubsy sofa.
- Spun or wrought at home; of domestic manufacture; coarse; plain.
- Plain in manner or style; not elegant; rude; coarse.
- Cloth made at home; as, he was dressed in homespun.
- An unpolished, rustic person.
- Excessively corpulent; fat; fleshy.
- A stiff thick kind of paper board, formed of several single sheets pasted one upon another, or of paper macerated and pressed into molds, etc.
- A board on which pastry dough is rolled; a molding board.
- Well rounded or filled out; full; fleshy; fat; as, a plump baby; plump cheeks.
- A knot; a cluster; a group; a crowd; a flock; as, a plump of trees, fowls, or spears.
- To grow plump; to swell out; as, her cheeks have plumped.
- To drop or fall suddenly or heavily, all at once.
- To give a plumper. See Plumper, 2.
- To make plump; to fill (out) or support; -- often with up.
- To cast or let drop all at once, suddenly and heavily; as, to plump a stone into water.
- To give (a vote), as a plumper. See Plumper, 2.
- Directly; suddenly; perpendicularly.
- Fat and short-breathed; fat, short, and thick; swelled with pampering; as, pursy insolence.
- Thick; viscous.
- Sloppy; slimy; miry. See Sloppy.
- Measuring in the third dimension other than length and breadth, or in general dimension other than length; -- said of a solid body; as, a timber seven inches thick.
- Having more depth or extent from one surface to its opposite than usual; not thin or slender; as, a thick plank; thick cloth; thick paper; thick neck.
- Dense; not thin; inspissated; as, thick vapors. Also used figuratively; as, thick darkness.
- Not transparent or clear; hence, turbid, muddy, or misty; as, the water of a river is apt to be thick after a rain.
- Abundant, close, or crowded in space; closely set; following in quick succession; frequently recurring.
- Not having due distinction of syllables, or good articulation; indistinct; as, a thick utterance.
- Deep; profound; as, thick sleep.
- Dull; not quick; as, thick of fearing.
- Intimate; very friendly; familiar.
- The thickest part, or the time when anything is thickest.
- A thicket; as, gloomy thicks.
- Frequently; fast; quick.
- Closely; as, a plat of ground thick sown.
- To a great depth, or to a greater depth than usual; as, land covered thick with manure.
- To thicken.
Meaning of मोटा in English
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- समय बहोत कीमती है, समझो :-
आज मैं आपसे एक ऐसी बात करूंगा जो शायद आपको चुभेगी, पर सच है। समय की कीमत न समझने से जिंदगी बर्बाद हो जाती है। आपके पास समय नही है यह पढ़ने के लिए मै जानता हूँ । नृत्य कलाओ (अर्धनग्न) को देख कर आँखे तृप्त होती हैं न आपकी, यही जीवन है और शायद आप यही तक सीमित रह जायेंगे । क्या आवश्यकता है कुछ करने की, कुछ सोचने की, जीवन तो कट ही रहा है और कट भी जायेगा ।
(१) कल्पना करो एक ऐसे शख्स की, जो हर रोज सोचता है - कल से सुबह जल्दी उठूंगा, एक्सरसाइज करूंगा। पर वो कल कभी नहीं आता। धीरे-धीरे वो मोटा होता जाता है, बीमार पड़ता है। और एक दिन डॉक्टर कहता है - अब बहुत देर हो गई।
(२) फिर सोचो उस लड़की/ लड़का के बारे में, जो हर दिन अपने पिता से कहती / कहता है - पापा, कल आपके साथ पार्क चलूंगी/ चलूँगा। पर वो कल कभी नहीं आता। एक दिन पिता चल बसते हैं, और वो लड़की पछताती रह जाती है।
(३) सोचो उस पति के बारे में, जो हर रोज अपनी पत्नी से कहता है - बस कुछ दिन और, फिर तुम्हारे साथ वक्त बिताऊंगा। पर वो दिन कभी नहीं आते। और एक दिन पत्नी किसी और के साथ चली जाती है, और वो अकेला रह जाता है।
ये सब कहानियां अलग-अलग लग सकती हैं, पर इनमें एक बात कॉमन है - समय की कीमत न समझना। समय हम सबके लिए कीमती है, अलग-अलग है परंतु है ।
हम क्या करते हैं ? हर पल को अगले पल के लिए जीते हैं। स्कूल में सोचते हैं कॉलेज के बारे में। कॉलेज में जॉब के बारे में। जॉब में रिटायरमेंट के बारे में। और फिर ? फिर वक्त खत्म हो जाता है।
समय किसी का इंतजार नहीं करता। वो बस बीतता जाता है, चुपचाप, लगातार। और एक दिन हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो पाते हैं कि जिंदगी कब बीत गई, पता ही नहीं चला। वक़्त गुजर जाने के बाद पछतावा होता है कि काश मै वो कर लिया होता!
याद रखो, जिंदगी सिर्फ सांसों की गिनती नहीं है। ये उन पलों की गिनती है जो तुम्हारी सांस रोक दें। जो तुम्हें जीवंत महसूस कराएं।
तो क्या करें ???? 🤔
अभी जियो। हां, भविष्य के लिए प्लान करो, पर वर्तमान को मत भूलो। रोज कुछ ऐसा करो जो तुम्हें खुशी दे। खुशी मे सिर्फ खुद की खुशी नही होती कुछ अपनों की भी खुशी शामिल होती है । चाहे वो 5 मिनट ही क्यों न हो।
अपनों के साथ वक्त बिताओ। फोन रखो और उनसे बात करो। याद रखो, रिश्ते वक्त मांगते हैं, पैसे नहीं। और कोई रिश्ते ऐसे हैं भी जो सिर्फ पैसे मांगते है तो उन्हे वह भी देकर खुश रखो, उसमे क्या जाता है! परंतु एक सीमा मे ।
और सबसे जरूरी, खुद के लिए वक्त निकालो। वो किताब पढ़ो जो तुम पढ़ना चाहते थे। वो जगह घूमो जहां तुम जाना चाहते थे। हर व्यक्ति की खुशी किसी ना किसी एक चीज की जरूर होती है । शौक होती है कुछ खुद के लिए, अपने मन की खुशी के लिए करने की, वो जीवन जो तुम स्वतंत्रता से जीना चाहते हो । जियो, इन सबके लिए कुछ पल निकालो और जियो ।
क्योंकि अंत में, जब तुम पीछे मुड़कर देखोगे, तो तुम उन पलों को याद करोगे जो तुमने जिए, न कि उन पलों को जो तुमने टाले।
बहोत कीमती है इस जीवन का हर एक पल, कभी कोई एक पल भी बेवजह मत गुजरने दो । संभालो , संभलो और चलते रहो । कभी थकना नही, जो एक पल के लिए रुके, तुम मिलों दूर हो जाओगे । खयाल रहे ।
तो आज से, अभी से, इसी पल से जीना शुरू करो। क्योंकि कल किसने देखा है !
✍️ Author Munna Prajapati
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