shabd-logo

झलक

28 August 2022

50 Viewed 50

बहुत तेज हवा चल रही थी , रॉय एक विशाल पेड़ के बगल में खड़ा था ।  जो 200 मंजिला इमारत से भी बड़ा था , और कई गुना चौड़ा था । ऊपर देखने पर रॉय ने देखा कि टापू हवा में उड़ रहा था । नीचे से वो एक उल्टे पहाड़ की तरह लग रहा था, लेकिन उसके ऊपर किनारे से बड़े-बड़े पेड़ दिखाई दे रहे थे । ऐसे कई छोटे और बड़े द्वीप हवा में उड़ रहे थे, कुछ बादलों के नीचे थे और कुछ बादलों के ऊपर थे।

 बहुत दूर रॉय के सामने एक शहर दिखाई दे रहा था ,  जिसमें बडी बडी इमारत बनी हुई थी । शहर के ऊपर बहुत कुछ उड़ रहा था,  उड़ने वाली चीजों को पहचानना मुश्किल था ।

" वे चीजें क्या हैं ? ", रॉय ने सोचा।

रॉय को लग रहा था कि शहर दूर जा रहा था और नीचे जा रहा था,  रॉय को कुछ समझ नहीं आ रहा था । क्या हो रहा है काफी देर बाद जब शहर ज्यादा दूर चला गया ? तब रॉय को एहसास हुआ कि रॉय भी उड़ते हुए टापू पर खड़ा था । जो शहर से बहुत धीरे धीरे दूर होता जा रहा था ।

 रॉय उस टापू के किनारे के पास खड़ा था  , और तभी एक एयर शिप रॉय के सामने से गुजरा । रॉय उसे देखकर हैरान होकर किनारे से दूर जाने लगा , और टापू के भीतरी हिस्से की ओर जाने लगा ।

रॉय को टापू के ऊपर कुछ दूर बड़े पेड़ों के पीछे एक और शहर दिखाई दिया , रॉय शहर की ओर बढ़ने लगा।  अचानक एक बड़ी परछाई आ गई। रॉय को सूरज के सामने कुछ दिखाई दे रहा था ,उसने फिर सोचा ," ओह गॉड ! ये क्या है ?"।

 एक बड़ी गोलाकार ग्रह जैसी चीज नीचे आ रही थी ।

" अब ये क्या मुसीबत है ", रॉय ने सोचा। कुछ देर बाद उस वस्तु ने पूरे सूर्य को ढक लिया था , और चारों ओर अंधेरा छा गया ।  तभी बहुत तेज आवाज आई , जैसे आसमान फट गया हो ।  एक बहुत तेज रोशनी हर जगह फैल गई थी ,रॉय को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था ।

रॉय ने घबराहट से अपनी आँखे बंद कर ली और कुछ देर बाद रॉय ने अपनी आँखें खोली और देखा  वह चीज़ पूरी तरह से जल रही थी । और वह सीधे रॉय की ओर आ रही थी ।

उसका आकार बहुत बड़ा था ,  और वह सीधा रॉय की ओर नीचे की तरफ तेजी से बढ़ रही थी । रॉय बहुत घबरा गया और घबराते हुुुए बोला," ओह ! मुझे भागना चाहिये "।

ये सोच कर रॉय तेजी से शहर की ओर भागने लगा।  उसी समय रॉय को एक औरत की आवाज सुनाई देने लगी जो उसे ही पुकार रही थी  ,  " रॉय , रॉय "।

आवाज सुनकर रॉय भागते हुए चारों ओर देख रहा था , और खुद से ही  कहा,"  आवाज कहां से आ रही है ? "। लेकिन रॉय को कुछ भी पता नहीं चल रहा था ।

वो आवाज आती जा रही थी,  और रॉय शहर की ओर भागते हुुए इधर उधर देख रहा था की अचानक  भागते हुए  रॉय गिर गया । उसने ऊपर की ओर देखा , तो वह चीज रॉय के बिल्कुल नजदीक आ गई थी ।

उसे अपने इतने नजदीक देखकर  रॉय हिम्मत हार कर वहीं बैठ गया , और  औरत की आवाज आती जा रही थी ,"  रॉय - रॉय "। 

धीरे - धीरे औरत की आवाज लगातार और तेज होती जा रही थी , और रॉय को अपना नाम और भी साफ सुनाई देने लगा , "  रॉय - रॉय "। 

 तभी बहुत जोर से बादल गरजने की आवाज आई ,  और घबराकर रॉय नींद से जाग गया।  रॉय के माथे पर पसीना था ,  रॉय ने कमरे की खिड़की के बाहर देखा । बाहर बारिश हो रही थी , तभी रॉय की मां ने कमरे का दरवाज़ा खोला । आवाज सुनकर रॉय ने  मां की ओर देखा। 

 

मां ने थोड़े गुस्से में रॉय से कहा , “ मैं इतनी देर से तुम्हे आवाज लगा रही थी कि नीचे आ जाओ तुम हो के सुन ही नहीं रहे "। कहते हुए माँ की नजर उसपर पड़ी तो उन्होंने देखा कि रॉय अबतक सो रहा था।  

मां ने थोड़ी हैरानी से पूछा , “ और तुम अभी तक तैयार क्यों नहीं हुए? जल्दी बिस्तर से निकल कर तैयार होकर नीचे आ जाओ ।”

 इतना कहकर रॉय की मां चली गई रॉय ने कुछ नहीं बोला। रॉय आज कॉलेज के लिए बहुत लेट होने वाला था,  बारिश भी बहुत तेज हो रही थी । आज का तो दिन ही खराब शुरू हुआ था । आगे पता नहीं क्या क्या होगा ? 

रॉय तैयार होकर नीचे आ गया था , रॉय आज थोड़ा जल्दी में था । रॉय ने जल्दी में छाता और एक सैंडविच उठाते हुए मां से कहा , "मां मैं जा रहा हूं।"।

रॉय की मां ने पीछे से आवाज लगाते हुए, " अरे लंच तो लेकर जा "।

रॉय लंच बॉक्स बैग में डालते हुए घर से बाहर निकला ,  बारिश थोड़ी कम हो गई थी । रॉय जल्दी जल्दी कॉलेज की ओर जा रहा था। रॉय उस सपने के बारे में सोच रहा था की  तभी रॉय का फोन बजने लगा । 

ये रॉय के दोस्त पराग का कॉल था । फोन उठाते ही पराग ने कहा, “ अरे कहां रह गया तू ?"।

रॉय ने पराग से कहा, ” हां बस कॉलेज के गेट पर हूं, आ रहा हूं"।

पराग ने कहा, “जल्दी आ क्लास बस शुरू ही होने वाली है "।

थोडी दूर ही कॉलेज का गेट दिखाई दे रहा था । रॉय दौड़ के गेट पास पहुंच गया। 

अभी क्लास शुरु होने में कुछ समय बचा था । जब रॉय क्लास में आया तब पीछे ही टीचर आ गई । रॉय सीधे पराग के पास जाकर बैठ गया । 

पराग ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “ तू कहां था? ”।

 रॉय, “कल संडे था तो फुटबॉल प्रैक्टिस थी "।

 " उन्होंने हमारे होम टाउन पर अटैक किया। ये देख उन्होंने सब बर्बाद कर दिया  ",  पराग लैपटॉप पर दिखाते हुए कहा। 

 रॉय ने पराग से पूछा “कितने पॉइंट्स कम हुए?" ।

" 300 पॉइंट्स ( - ) कम हो गए ",  पराग ने कहा ।

रॉय हैरानी जताते हुए कहा, ” 300 ”।

रॉय हौसले से बोलते हुए कहा, " कोई बात नहीं आज हम अटैक करेंगे फिर देखेंगे कैसे टिकते हैं वो हमारे सामने “ ।

 टीचर ने सभी को डाँटते हुए कहा, " साइलेंट प्लीज अभी टेस्ट का रिजल्ट देख लो । रोल नंबर वाइज अपना अपना टेस्ट पेपर लेकर जाओ , फिर हम नेक्स्ट चैप्टर स्टार्ट करेंगे "।

पराग का रोल नंबर आया । पराग अपना टेस्ट लेकर टीचर के पास ही रुक गया था , और कुछ देर बाद रॉय का नंबर आया । तो पराग रॉय का टेस्ट पेपर भी पकड़ कर ले आया और सीट पर आकर बैठ गया । 

रॉय ने अपना टेस्ट पेपर पकड़ा , रॉय को 83 नंबर मिले थे । 

रॉय ने पराग से पूछा “कितने मिले ?"।

पराग  ने कॉन्फिडेंस से कहा , " 96 "।

रॉय ने हसते हुए पराग से कहा , " वेल डन माय बॉय “ ।

पराग ने भी हंसते हुए रॉय का उत्तर दिया , " क्या हुआ मेहनत के नंबर हैं यार , ऐसे मत हंसो नकल मारने में भी बहुत मेहनत लगती है"।

दोपहर का समय - 

4th लैक्चर के बाद 1 घंटे का फ्री टाइम था , बारिश भी रुक चुकी थी । आसमान साफ था  और सूरज चमकने लगा था । कुछ कुछ सफेद बादल आसमान में दिखाई दे रहे थे ।

रॉय और पराग क्लास से बाहर निकल कर ग्राउंड की ओर जा रहे थे , ग्राउंड में बाकी दोस्त भी बैठे थे । रॉय ओर पराग भी उनके पास जाकर बैठ गए , और सभी दोस्त बाते करने लगें । 

रॉय का फ़ोन बज रहा था । रॉय को फुटबॉल केप्टन अश्क की काल आ रही थी । 

रॉय के फोन उठाते ही अश्क ने कहा, “जल्दी से ट्रेनिंग हाल आओ पूरी टीम को कोच ने बुलाया है शायद मैच की डेट चेंज हो गई है,  सभी आ रहे हैं तुम भी जल्दी आ जाओ "।

 रॉय ने कहा, “ठीक है अभी आया।"

 रॉय फोन रखते हुए सभी दोस्तों से बोला, “मुझे जाना होगा कोच ने सभी को ट्रेनिंग हॉल में बुलाया है"।

ये कहते ही रॉय ग्राउंड से सीधा ट्रेनिंग हाल की तरफ गया । 

ट्रेनिंग हाल में रॉय अपनी फुटबाल टीम से मिल रहा था । इतनी देर में कोच अंदर आ गया । सब चुपचाप लाइन में खड़े थे । 

कोच पुरी टीम को देखते हुए बोला , " इस बार बहुत बारिश हुई है इसलिए ग्राउंड अभी खेलने के लिए तैयार नहीं है और हमारी तैयारी भी पूरी नहीं है । तो हमने और बाकी मेंबर्स से मिलकर बात की और मैच की डेट अगले महीने की 5 तारीख रखी है तुम्हारे पास अब तैयारी के लिए लगभग 20 दिन और है।"

 “ठीक है ! ", टीम के कुछ लोगों ने हां में सिर हिलाते हुए कहा। 

कोच ने सभी का हौसला बढ़ाते हुए कहा, “इस बार भी जीत कर ही आना है"।

टीम ने पुरे जोश से एक आवाज में कहा, “ यस सर"।

रॉय और अश्क हॉल से निकलकर सीधा ग्राउंड की ओर जा रहे थे  तभी सामने से  सारा और उसकी सहेली आ रही थी । 

सारा , रॉय की पास से गुजरते हुए अपनी प्यारी आंखो से उसकी ओर देखती है , रॉय भी लगातार सारा को ही देख रहा था। और वहीँ अश्क उन दोनों को देख कर मुस्कुरा रहा था।

सारा के जाते ही अश्क ने रॉय से मुस्कराते हुए कहा , " तू सारा से एक बार बात तो करके देख"।

रॉय ने झेंपते हुए कहा, "नहीं यार ऐसा कुछ नहीं है"।

अश्क ने मुस्कराते हुए कहा, "हां वो तो मैने देखा "। यह सुनकर रॉय के चेहरे पर एक स्माइल आ गई थी। 

इतनी देर में दोनों ग्राउंड में पहुंच गए ,  ग्राउंड में सभी लोग ऊपर की ओर देख रहे थे । सामने खड़े लोगों की आवाज सुनाई दी ," " क्या है वो ? "।

सभी लोग एक दूसरे को हैरानी से पूछते हुए बोले,"तुम्हें भी दिखाई दे रहा है ना ?? "। जब रॉय ऊपर देखता है तो उसकी आँखे खुली की खुली रह गई थी ।

रॉय ने अश्क़ से ऊपर देखते हुए पूछा, "  क्या है वो ?  "। 

 

 To be continued. . . 




ये मेरी पहली कहानी है अगर आपको कहानी अच्छी लगी तो Unseen के साथ बने रहना क्योंकि कहनी में जो सोच रहे हो वो नहीं होगा , और जो होगा वो सोचा नहीं होगा ।  आपने हिसाब से आप रेटिंग दे सकते हैं 

 


More Books by RANJIT SINGH

1
Articles
UNSEEN
0.0
कहते हैं, इस ब्रह्मांड में कई ऐसे रहस्य समाहित है, जो हमारी सोच और विज्ञान दोनों से परे हैं, पर क्या हो अगर, ब्रह्मांड का यह रहस्यमयी अतीत, हमारे वर्तमान को बदल कर रख दे! ये कहानी शुरू होती है एक लड़के “Ray” और उसके अजीबो-गरीब सपनों से, जिसमें वो देखता है कि कोई ऐसा प्लेनेट भी है, जो पृथ्वी को ख़त्म कर देगा क्या उस प्लेनेट का सम्बन्ध हमारी प्रथ्वी के अतीत से है। आखिर क्या सम्बन्ध है उस अजीब प्लेनेट का "Ray" से? क्या Ray अपने सपनों के रहस्य को सुलझा पायेगा? कौन है “Era”, जो Ray के सपनों में बार बार आ रही है? और उस ग्रह के काले सच को जानने के लिए पढ़िए, "Unseen" सिर्फ 'Pocket Novel' पर |