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THE FOUR VEDAS

panaisha

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चार वेद: मानवता के आदिकाव्य वेदों का महत्वपूर्ण स्थान भारतीय संस्कृति में हमेशा से रहा है। ये चार वेद - ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, और अथर्ववेद हमारे समृति ग्रंथों के मूल आधार हैं और मानव जीवन के सभी पहलुओं को आवश्यक ज्ञान प्रदान करते हैं। ऋग्वेद: ऋग्वेद भारतीय साहित्य का पहला और सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें देवताओं की स्तुति, प्रार्थनाएँ और ऋषियों के उत्कृष्ट विचारों का वर्णन होता है। ऋग्वेद में भारतीय संस्कृति के मूल आदर्श, धर्म, और विचार दर्शाए गए हैं। यजुर्वेद: यजुर्वेद यज्ञों की विधियों का संग्रह है, जो धार्मिक और आध्यात्मिक अद्भुतता को दर्शाते हैं। इसमें मन्त्रों की द्वितीयक संख्या की वजह से 'शुक्ल' और 'कृष्ण' यजुर्वेद के रूपों में विभाजित होता है। सामवेद: सामवेद संगीत की श्रेष्ठतम रचना माना जाता है, जिसमें ऋग्वेद के मंत्रों को संगीत की शैली में प्रस्तुत किया गया है। इसके मंत्र गायन के लिए होते हैं और इसका महत्वपूर्ण उद्देश्य भगवान की स्तुति और आदर करना है। अथर्ववेद: अथर्ववेद में जीवन के विभिन्न पहलुओं की रक्षा और शक्ति के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। इसमें विभिन्न प्राणियों, प्राकृतिक तत्वों, और मानव जीवन के उपचार और उपायों का वर्णन होता है। चारों वेद विश्व के सबसे प्राचीन और उच्च धार्मिक ग्रंथ माने जाते हैं और इन्हें भारतीय संस्कृति और धर्म के आदर्श और अद्भुतता का स्रोत माना जाता है। ये ग्रंथ मानवता को सही दिशा में मार्गदर्शन करते हैं और उच्च आदर्शों की प्राप्ति की दिशा में हमें मार्ग प्रदान करते हैं।  

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