आलेखा घर पर आई थी तो अगली रात न सोने की वजह से वो रात का खाना खाया बिना ही तो गई थी। उस पूरे दिन आलेखा को अपने पापा के बारे में और उस रात के बारे में ही सोच रही थी, तो रात को उस सपने में भी वही सब दिखायी दे रहा था, तो वो सपने की वजह से परथी दिखी। और पसीना भी आ रहा था। पर अचानक से आधी रात को महेश चावला के घर की सारी सारी इलेक्ट्रिक वास्तु अपने आप ही तेज चल ने लगी थी। उन के घर का फेन भी इतना तेज हो गया था। आलेखा के कमरे का रात का दीपक भी उतनी ही रोशनी दे रहा था, जैसा कोई बड़ा सा बलब जला दिया हो। इसकी वजह से महेश चावला और माधुरी दोनो उठ गए थे। आलेखा और आहना दोनो एक ही कमरा में सोती थी। तो दोनो भी उठा कर बहार आ गई, और महेश चावला को रूम में ले जा कर लैंप दिखया था। आलेखा बहुत ही ज्यादा परशान हो रही थी। और ऐसा उन के एक घर में नहीं, किंटू महेश चावला के घर के आस पास के सारे इलाके में हुआ था।