Shubham Anand Manmeet हिंदी साहित्य का सेवक समस्तीपुर बिहार
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प्रेम अपने साथ बहुत कुछ हर ले जाता है। आंखों की नींद। मन का सुकून। खुद की परवाह। बदले में दे जाता है। आंखों में, समंदर भरके आंसू । और कभी ना खत्म होने वाला एक अदद अकेलापन। Shubham Anand Manmeet